विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य, सफलता और मानसिक शांति की कामना की गई बक्सर खबर। स्थानीय इटाढ़ी रोड स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को एक भावनात्मक और आध्यात्मिक वातावरण के बीच आशीर्वाद सह विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को आगामी सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के लिए शुभकामनाएं और आशीर्वाद प्रदान किया गया। समारोह की शुरुआत विद्यालय के धर्मगुरु नित्यानंद शास्त्री द्वारा वेद पाठ और हवन-यज्ञ के साथ हुई। मंत्रोच्चार के मध्य अग्नि में आहुतियां दी गईं, जिससे पूरे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। इस पवित्र अनुष्ठान के माध्यम से विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य, सफलता और मानसिक शांति की कामना की गई।
विद्यालय के प्रधान सह क्षेत्रीय निदेशक वी आनंद कुमार ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में आने वाली हर कठिनाई हमें मजबूत बनाती है। उन्होंने छात्रों को परीक्षा के साथ-साथ जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी आत्मविश्वास और संयम बनाए रखने की सीख दी।11वीं कक्षा के छात्रों ने अपने वरिष्ठ साथियों के सम्मान में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिसमें संगीत, नृत्य और प्रेरणादायक कविताएं शामिल थीं। इन प्रस्तुतियों ने पूरे माहौल को संगीतमय और भावुक बना दिया।
वरिष्ठ शिक्षक राम प्रवेश सिंह का विदाई सम्मान – इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक राम प्रवेश सिंह के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें भावभीनी विदाई दी गई। विद्यालय प्रधान ने अपने संबोधन में कहा, “मनुष्य किसी कार्य से निवृत्त हो सकता है, लेकिन वह जिनके दिलों में बसा होता है, उनसे कभी अलग नहीं होता। यह केवल एक पड़ाव है, विदाई नहीं, मुलाकातें होती रहेंगी।” विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने पुष्पगुच्छ, उपहार और सम्मान पत्र देकर राम प्रवेश सिंह को उनकी सेवाओं के लिए आभार प्रकट किया।कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ शिक्षिका रीना शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उन्होंने सभी छात्रों और शिक्षकों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। छात्रों की आंखों में अपने विद्यालय और शिक्षकों से विदाई का दर्द साफ झलक रहा था।यह आयोजन न केवल छात्रों के लिए शुभकामनाओं का स्रोत बना, बल्कि शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच एक गहरी आत्मीयता का प्रतीक भी रहा। हवन की पवित्र अग्नि, वेदमंत्रों की ध्वनि और शिक्षकों की प्रेरणादायी वाणी के साथ यह समारोह एक अविस्मरणीय स्मृति बनकर सभी के हृदय में अंकित हो गया।