बक्सर खबर। साहित्य, समाज और संवेदना के सेतु पर सृजन की उजली परछाइयां छोड़ते हुए, प्रख्यात साहित्यकार डॉ पवन नंदन केसरी की नवीन कृति ‘दर्द का सैलाब’ का विमोचन स्थानीय बंगाली टोला स्थित पार्वती निवास में संपन्न हुआ। इस गरिमामयी अवसर की अध्यक्षता पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मीना सिंह ने की, वहीं मुख्य अतिथि के रूप में प्रदीप जायसवाल तथा विशिष्ट अतिथि डॉ गणेश उपाध्याय, डॉ महेंद्र प्रसाद, डॉ शशांक शेखर, शशि भूषण मिश्र और विनोधर ओझा उपस्थित रहे। दीप प्रज्वलन के साथ इस साहित्यिक अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। मंच संचालन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने कहा कि डॉ केसरी की लेखनी साहित्य की विविध विधाओं में अपनी छाप छोड़ती रही है। उनकी रचनाएं केवल शब्दों का संकलन भर नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और मानवीय चेतना को जागृत करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मीना सिंह ने कहा कि पवन नंदन के साहित्य में जीवन की निस्संग सच्चाइयां और मानवीय संवेदनाओं की गहन अनुभूतियां परिलक्षित होती हैं। उनकी रचनाएं पाठकों को आत्ममंथन के लिए प्रेरित करती हैं। वहीं, शशि भूषण मिश्र ने उनकी साहित्यिक संवेदनशीलता, धैर्यशीलता और समाजसेवी दृष्टिकोण की सराहना करते हुए कहा कि उनकी लेखनी संघर्ष और प्रेरणा का प्रकाश पुंज है, जो विषम परिस्थितियों में भी जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। इस अवसर पर रामेश्वर मिश्र ‘बिहान, महेश्वर ओझा ‘महेश’, शिव बहादुर पांडेय ‘प्रीतम’, राजू गुप्ता, अतुल मोहन प्रसाद, सुहाग जी सहित अनेक साहित्य प्रेमी और विद्वज्जन उपस्थित रहे। ‘दर्द का सैलाब’ निश्चय ही साहित्याकाश में एक उज्ज्वल नक्षत्र के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी।