-बक्सर को वैश्विक पहचान दिलाने की मुहिम में जुटा महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन बक्सर खबर। रामनवमी के पावन अवसर पर रविवार को बक्सर का आकाश फूलों की वर्षा से महक उठा। महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन और विश्वामित्र सेना के संयुक्त तत्वावधान में पहली बार हेलीकॉप्टर से भव्य पुष्पवर्षा का आयोजन किया गया। बक्सर हवाई अड्डे से उड़ान भरते हुए फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों और शोभायात्रा पर 8 क्विंटल फूलों की बारिश कर भक्तों का स्वागत किया। पुष्पवर्षा की शुरुआत रामरेखा घाट स्थित पौराणिक रामेश्वरनाथ मंदिर से हुई। यहां से लेकर ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर तक श्रद्धा और आस्था की इस वर्षा ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। रामनवमी के अवसर पर शहर में निकली शोभायात्रा के ऊपर भी फूलों की बारिश की गई, जिससे श्रद्धालु गदगद हो उठे।
इस आयोजन के तहत पंचकोसी यात्रा प्रमुख स्थलों अहिरौली स्थित माता अहिल्या मंदिर, नदांव के नारद सरोवर एवं शिव मंदिर, भभूअर, चौसा के महर्षि च्यवन ऋषि आश्रम, और महादेवा घाट पर भी पुष्पवर्षा की गई। कुल चार बार हेलीकॉप्टर से उड़ान भरकर जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों एवं शोभायात्रा में शामिल रामभक्तों पर फूल बरसाए गए। इस अवसर पर विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने कहा कि यह मेरा कोई व्यक्तिगत कार्य नहीं है। यह प्रभु श्रीराम और महर्षि विश्वामित्र का आशीर्वाद है। मेरा संकल्प है कि मैं बक्सर की प्राचीन गरिमा और सनातन सांस्कृतिक विरासत को पुनः विश्वपटल पर स्थापित करूं। “भगवान राम न्याय, धर्म और मर्यादा के प्रतीक हैं। उनका जीवन सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है,” उन्होंने यह भी कहा कि बक्सर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत अयोध्या और काशी से भी प्राचीन है, परंतु उसे वह गौरव नहीं मिल पाया जिसका वह हकदार है।

उन्होंने जनप्रतिनिधियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बक्सर को उसकी पहचान दिलाने में वे विफल रहे हैं। राजकुमार चौबे ने यह भी याद दिलाया कि बक्सर वह भूमि है जहां प्रभु श्रीराम ने शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा ग्रहण की थी। यहीं माता अहिल्या का उद्धार हुआ, और इसी भूमि ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को पराक्रमी बनाने में अहम भूमिका निभाई। फाउंडेशन का लक्ष्य है कि बक्सर की गौरवशाली परंपरा को विश्व पटल पर प्रतिष्ठा दिलाई जाए। जब तक यह लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। पुष्पवर्षा का यह अनुपम दृश्य देखने के लिए महिलाएं, बच्चें, युवा, वृद्ध अपने घरों से बाहर निकल आए और सड़क पर धर्म और श्रद्धा की अद्भुत संगम को देख जय श्रीराम का जयघोष लगाते हुए देखे गए।