-सीनेट की बैठक में छात्र प्रतिनिधियों की अनदेखी पर आक्रोश
बक्सर खबर। बीते दिनों वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय ने सीनेट की बैठक बुलायी। उसे ऑनलाइन संपन्न किया गया। विश्व विद्यालय के कुलपति ने छात्र नेताओं की इसमें अनदेखी की। बजट पास हुआ तो उसमें 6 अरब 53 करोड़ के घाटे का रहा। इसके विरूद्ध आवाज उठाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं ने वीसी की आलोचना की है। साथ ही उन्हें छात्र विरोध व आंदोलन की चेतावनी दी है। सोमवार को प्रेस बयान जारी कर परिषद के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य विवेक सिंह ने कहा कि वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की आवाज़ को नजरअंदाज करके तथा विरोध प्रदर्शन के डर से ऑनलाइन सीनेट की बैठक करके छात्रों के बिना प्रतिनिधित्व के सीनेट चला कर अपनी तानाशाही से विश्वविद्यालय को चलाना चाहते है तो ये उनकी भूल है।
कुलपति महोदय का लखनऊवीया कानून शाहाबाद के क्रांति की भूमि पर नहीं चलेगा। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए विद्यार्थी परिषद बक्सर के जिला संयोजक त्रिभुवन पाण्डेय ने कहा कि सत्र 2021-22 के सीनेट की बैठक में भी महाविद्यालयों में संसाधन की कमी स्नातक और स्नातकोत्तर के सीटों की बढ़ोतरी पर कोई विचार नहीं किया गया। बीइएड की पढ़ाई शुरू करने पर चर्चा नहीं हुई। 2018 के बाद बंद पड़े विश्वविद्यालय में छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार छात्रसंघ के चुनाव पर भी कोई चर्चा नहीं किया गया। सीनेट के इस बैठक में छात्रों के हितों का सिर्फ गला घोंटा गया और छात्रों के शुल्क के पैसों का बंदरबाट किया गया। कुलपति महोदय अगर विश्वविद्यालय चलाना चाहते है तो आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय में आंदोलन झेलने के लिए तैयार रहे।