बक्सर खबर। बक्सर ही नहीं बिहार का गौरव बढ़ाने वाले पद्मभूषण से सम्मानित आचार्य शिवपूजन सहायक की बहू विमला सहाय का सोमवार की शाम निधन हो गया। उनकी उम्र लगभग 86 वर्ष थी। वह पन्द्रह-बीस से बीमार थी। घर पर ही उपचार चल रहा था। कुछ दिनों से उन्हें मेडिकल ऑक्सीजन दिया जा रहा था। लेकिन, बीते दिन उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके दो पुत्र व दो पुत्रियां हैं। आचार्य सहाय बक्सर के उनवांस गांव के मूल निवासी थे। बक्सर में आज भी उनकी एक स्मृति है। जिसका नाम सरस्वती पुस्तकालय है।
उनसे जुड़ी जानकारी देने वाले लोगों ने बताया विमला सहाय की शादी डा. आनंदमूर्ति से हुई थी। वे अंग्रेजी के बड़े विद्वान थे। दस वर्ष पहले ही उनका निधन हो गया था। श्रीमती सहाय का जन्म 7 फरवरी 1935 को बलिया के एक गांधीवादी परिवार में हुआ था जो गांधी जी और हिंदी के लेखकों की पुस्तकें छापते थे। विमला जी को अपने ससुर के मित्र रहे डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जयप्रकाश नारायण, रामधारी सिंह दिनकर, रामवृक्ष बेनीपुरी के आतिथ्य करने का सौभाग्य प्राप्त था। यह विभूतियां बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में जब शिवपूजन सहायक के घर आती थीं।