– जारी सूचना में 12 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान का भी दावा
बक्सर खबर। चौसा के किसानों का मुद्दा अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। भले ही मुआवजे के लिए उनको परेशान किया जा रहा है। लेकिन, जिला प्रशासन की मानें किसानों को कुछ गुमराह कर रहे हैं। क्योंकि पिछले दो माह से यही सुनने को मिल रहा है। चौसा के किसानों को वर्ष 2013 की दर से मुआवजा मिल रहा है। जबकि वे वर्तमान दर से भुगतान की मांग कर रहे हैं। इस बीच आज सोमवार 16 जनवरी को जिला प्रशासन द्वारा एक लंबा संदेश जारी किया गया है। जिसमें यह बताया गया है कि किसानों को 2013 नहीं बल्की वर्ष 2020 व 21 की दर से भुगतान हो रहा है।
इतना ही नहीं सूचना में यह भी कहा गया है कि गजट प्रकाशन के बाद से जब तक भुगतान का चेक निर्गत नहीं होता। उस समय अवधि का उन्हें 12 प्रतिशत ब्याज जोड़ कर राशि दी जा रही है। अगर ऐसा है तो विवाद की वजह क्या है। यह बात उठनी स्वभाविक है। लेकिन, यह बात दो माह के धरने के बाद क्यूं प्रशासन बता रहा है। इसे पहले भी स्पष्ट किया जा सकता था। लेकिन, यहां के जनप्रतिनिधि भी किसानों के हीत की जगह केन्द्र और राज्य की सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। बहर हाल आप वह संदेश पढ़ ले। जो जिला प्रशासन ने जारी किया है। हम अक्षरसह आपके समक्ष रख रहे हैं। उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। जो निम्न प्रकार से है-
समाहरणालय बक्सर
जिला जन संपर्क कार्यालय
प्रेस विज्ञप्ति
बक्सर, दिनांक 16 जनवरी 2022:- विगत कुछ दिनों में चौसा थर्मल पावर प्लांट से संबंधित रेल कॉरिडोर एवं वाटर पाइप लाइन हेतु भू अर्जन मुआवजा को लेकर कुछ लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है कि उक्त भू अर्जन में मुआवजा राशि वर्ष 2013-14 के खरीद बिक्री दर से दी जा रही है।
इस संबंध में यह स्पष्ट करना है कि उक्त अफवाह में सत्यता नहीं है।
चौसा थर्मल पावर से संबंधित रेल कॉरिडोर एवं वाटर पाइप लाइन में मुआवजा राशि की गणना बिहार भू अर्जन अधिनियम 2013 REFTLARR ACT के प्रावधानों के तहत की गई है। रेल कॉरिडोर हेतु भूमि मुआवजे की राशि की गणना उक्त अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर निर्धारण कमेटी द्वारा अधिसूचना की तिथि दिनांक 10/4/ 21 से 3 वर्ष पूर्व की तिथि अर्थात 11/4/18 से 10/4/21 तक की तिथि के बीच में निबंधन कार्यालय में उपलब्ध मौजावार उक्त अवधि के खरीद बिक्री के आंकड़ों के आधार पर की गई है।
इसी प्रकार से वाटर कॉरिडोर में भूमि मुआवजे की राशि की गणना दर निर्धारण कमेटी द्वारा अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि 24/9/20 से 3 वर्ष पूर्व 25/3/17 से 24/9/20 तक की तिथि के बीच में निबंधन कार्यालय में उपलब्ध मौजावार खरीद बिक्री के आंकड़ों के आधार पर की गई है।
बिहार भू अर्जन अधिनियम के आलोक में दर निर्धारण में खरीद बिक्री के आंकड़ों में छद्म आंकड़ों(MVR का दो गुना से अधिक) को छोड़ते हुए उच्चतर 50% को शामिल किया गया है ।इन उच्चतर 50 प्रतिशत खरीद बिक्री के आंकड़ों का औसत मूल्य दर का निर्धारण किया गया है। उक्त तरीके से निकाले गए दर को २ गुणक करते हुए अतिरिक्त 100% सोलेशियम राशि जोड़ते हुए मुआवजा राशि दी गई है,जो उक्त अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार है।
अर्थात अधिसूचना की तिथि से तीन वर्ष पूर्व से लेकर अधिसूचना की तिथि तक के उच्चतर 50 प्रतिशत औसत मूल्य (छद्म आंकड़ों को छोड़कर) का चार गुना मुआवजा राशि प्रत्येक सन्निहित मौजों में दर निर्धारण समिति द्वारा निर्धारित की गई है।
इसके अतिरिक्त अधिसूचना की तिथि से लेकर अवार्ड घोषित करने की तिथि तक 12% सालाना ब्याज भी मुआवजा राशि में जोड़ा गया है।
अतः सभी सन्निहित रैयतों से पुनः अनुरोध किया जाता है कि मुआवजे की राशि हेतु आवेदन अंचल कार्यालय चौसा स्थित कैंप अथवा जिला भू अर्जन कार्यालय बक्सर में मुआवजा भुगतान हेतु अपना आवेदन देना सुनिश्चित किया जाए।