बक्सर खबर। इस बार अक्षय तृतीया पर सैकड़ों वर्ष बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है। यूं तो यह साल का सबसे शुभ दिन होता है लेकिन इस बार नक्षत्रों का विशेष योग बनने से यह पुण्यकारी और फलदायी दोनों होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित नरोत्तम द्विवेदी ने बताया कि अक्षय तृतीया का शुभारंभ 17 अप्रैल को सुबह 3:45बजे शुरू होगा और 18 अप्रैल को 1:45बजे समाप्त होगा।
भविष्य पुराण के अनुसार त्रेता युग का शुभारंभ इसी दिन से हुआ था। 18 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में है और कृतिका नक्षत्र का पहला चरण है। ऐसा संयोग सैकड़ों वर्ष बाद आता है। इस दिन पिंड के बिना भी श्राद्ध करने का विधान है। जल से भरा कलश, पंखा, जूता, भूमि और गोदान का खास महत्व है। इस दिन गंगा स्नान पुण्यकारी माना गया है। जमीन, सोना, गृहप्रवेश, व्यापार शुरू करना शुभ माना गया है।
पूजन विधि: सुबह गंगा स्नान के भगवान विष्णु का पूजन करें। लक्ष्मीनाराण की पूजा सफेद कमल, सफेद या पीले गुलाब से करें। नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद फल,वस्त्र आदि दान करें। पूजन के बाद ब्राह्म्ण को भोजन अवश्य कराएं।