नगर परिषद वाला सब मच्छरे हो गया है का हो …
बक्सर खबर (माउथ मीडिया)। बतकुच्चन गुरू का रात के वक्त फोन आया। हाल-चाल होने लगा तो वे मच्छरों का जिक्र करने लगे। मैं हैरान, हमेशा देश समाज का भला सोचने वाला यह व्यक्ति मच्छर पर क्यूं अटक गया है। लेकिन, जब उनकी पूरी बात सूनी माथे पर बल पड़ गया। मैंने उनकी बातें सूनी और अब तक सोच रहा हूं। आप भी सुन लीजिए। बतकुच्चन उवाच : का हाल हौ गुरू। तोहरे मुहल्ला में भी मच्छर सब बढ़ गवा है का। ए बेर गजबे मच्छर सब आवा है। देखे में नचकी-नचकी लगता है। काटे है तो दिदोरा हो जावे है। सांझ बेरा जे बहरा बइठ गए। लगता है मुंहे में ढूंक जाएगा। खून चूस लेगा सरवा सब।
उनकी बाते सुन मैं हां-हां, जी-जी कह रहा था। वे बोले जा रहे थे। ससुरा यहां नगर परिषद में सुने हैं। बहुत मशीन रखा है। साले-साले दवाई भी खरीद के बिल-बट्टा बनाता है। तो इस सब ओकरा छिड़कवाता काहे नहीं है। सुने हैं सरकारी में सब बड़ा महंगा सामान खरीदता है। लेकिन, खरीदता कुछो है, दिखाता कुछो है। यहां जौन सब के जनता ओकर रखवार बनाई है। उ सब भी मच्छर से कम नहीं है। जनता के चूस रहा है। हम शहर में गए रहे। एक मिला बताया, साले-साल नारी बनवाता है। अबकी फेर सड़क के उपर बनवा दिया है।
मतलब पूरा पानी फेर सड़के पर बहेगा, देरी बस नाली भरने का है। ढ़क्कन सब अइसन बनवा रहा है। जइसे नरिया-पटरी है। एक मिला कह रहा था। नाली उपर एही से बना रहा है। कवनों ढक्कन पर गाड़ी मत चढ़ा दे। न तो टूट जाएगा। मच्छर सब बहरे आ जाएगा। इ मच्छरन के बेइजती हो जाएगा। सब जनता के खून त चूस रहा ही है, सरकारो के चूस रहा है, का समझे। यह बात सुन पहले तो मैं हंसा, लेकिन उनकी चिंता सुन माथे पर बल पड़ गया।
नोट- माउथ मीडिया, बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है। जो प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित होता है। इस बारे में सुझाव आप हमें कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं।