बक्सर खबर। आज पूरे विश्व को पेड़ की जरुरत है। इसके लिए जरुरी है नए पौधे लगाए जाएं। इस अभियान को भोजपुरी संस्था अखुंआ ने जिला मुख्यालय में शुरू किया है। प्रत्येक रविवार संस्था से जुड़े लोग समय निकालकर पौधे लगाते हैं। इस रविवार इनकी टोली बड़ी नहर के किनारे दिखी। पेड़ लगा रहे आशुतोष, डा कन्हैया मिश्रा व अन्य गंगदी के बीच खड़े थे। पास में लोगों ने बहुत सारा कूड़ा फेंका था। जो बदबू दे रहा था। देखकर ऐसा लगा इस शहर में पौधों को लगाने की जगह भी नहीं है। कोई पर्यावरण की सुरक्षा कर रहा है। उससे कहीं ज्यादा लोग गंदगी फैला उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं।
बड़ी नहर पर अनेक पौधे लगाए जा सकते हैं। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। जो पेड़ पहले लगे थे। अब उनको भी नहर का अतिक्रमण करने वाले नष्ट कर रहे हैं। पेड़ों के नीचे स्वयं बसेरा बना अन्य की जगह जानवर बांध रहे हैं। जिससे उनकी जड़ों को नुकसान हो रहा है। इस तरह धीरे-धीरे वे नष्ट हो रहे हैं। वन विभाग को चाहिए कि इस पर ध्यान दे। सड़क किनारे वृक्ष लगाने के साथ नहर पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। अगर लगा नहीं सकते तो इन वृक्षों को बचाने की कोशिश जरुर होनी चाहिए। अन्यथा कोई अखुंआ लगाएगा। पर उसे पर्यावरण के दुश्मन पेड़ नहीं बनने देंगे।
जगह क्यों नहीं है ?
नज़रिया चाहिए
मेरी नज़र में तो जगह ही जगह है।
हर एक रोड पर
जहां रोड पक्की हो गई है, वहां नगर परिषद की बोरिग मशीन सिर्फ मिट्टी आने भर का गड्ढा खोदवा कर कंपोस्ट भर के वृक्षारोपण किया जा सकता है। स्टेशन रोड पर दो फिट का डिवाइडर बना कर उसमे लगाया जाय,
दोनों किनारों पर खूब जगह है।
गंगा किनारे भीषण बाढ़ की हद के बाद भी खूब जगह है।