-विभिन्न कामनाओं के लिए विविध द्रव्य से अभिषेक का है विधान
बक्सर खबर ( यह भी जानें) : श्रावण का मास चल रहा है। ऐसे में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। बहुतेरे लोग सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। लेकिन, इस अभिषेक में किस व्यक्ति को कौन सा तरीका अपनाना चाहिए। यह सबको ज्ञात नहीं होती। आज आपको हम अपने साप्ताहिक कॉलम ‘यह भी जाने’ में इसकी जानकारी देंगे। वैसे आप यह जान लें। भगवान शिव शुद्ध जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन, विभिन्न धर्म ग्रंथों में विशेष फल प्राप्ति के लिए अलग-अलग तरीका बताया गया है।
रोग नाश के लिए कैसे करें अभिषेक
बक्सर : पंडित नरोत्तम द्विवेदी बताते हैं कि शास्त्रों में विविध कामना की पूर्ति हेतु भिन्न-भिन्न द्रव्य से अभिषेक का उल्लेख है। जो लोग शारीरिक व्याधी (बीमारी) से परेशान हैं। उनको अभिषेक जरूर करना चाहिए। गंगा जल से भरे पात्र में कुश डालकर जल चढ़ाने से रोगों का नाश होता है। जल चढ़ाने से वर्षा भी होती है। पशु प्राप्ति के हेतु दही, लक्ष्मी प्राप्ति हेतु इक्षुरस, धन प्राप्ति हेतु मधु तथा घृत, मोक्ष प्राप्ति हेतु तीर्थ जल, पुत्र प्राप्ति हेतु गौ दुग्ध, ज्वरशान्ति हेतु जल, वंश विस्तार हेतु घृत, बुद्धि की जड़ता दूर करने हेतु शक्कर मिले दूध से, शत्रु नाश हेतु सरसो तेल, तपेदिक रोग, शुगर रोग दूर करने हेतु मधु से रुद्राभिषेक करने का विधान है। जिसका विस्तृत वर्णन वायुपुराण मे मिलता है।
-क्या रखें ध्यान
बक्सर खबर। भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए बहुत आडंबर की जरुरत नहीं। बगैर किसी तामझाम के भी स्वयं यह द्रव्य चढ़ा सकते हैं। यह जरुर ध्यान रखें, अभिषेक करते समय नम: शिवाय, महामृत्युंजय अथवा आपको भगवान शिव का नाम जपते रहना चाहिए। इसके अलावा शुद्धता, वस्त्र, स्नान पर भी ध्यान रखना चाहिए।
(नोट – साप्ताहिक कालम ‘यह भी जाने’ प्रत्येक मंगलवार को प्रकाशित होता है। इसमें में ज्ञान, विज्ञान, रहस्य, रोमांच व उपयोगी जानकारियों से जुड़े लेख प्रकाशित करते हैं)