बक्सर खबर। सनातन धर्म आज से नहीं। सृष्टि के प्रारंभ से है। और वह अंत तक चलेगा। और भगवान की कथा भी उतनी ही प्राचीन है। बहुत से लोग पूछते हैं। इन ग्रंथों की रचना व्यास जी ने की है। लेकिन, उसका यह अर्थ नहीं कि यह कथाएं उसी समय प्रारंभ हुई। उससे पहले वे श्रूति के माध्य से जगत में व्याप्त थी। व्यास जी ने भागवत ही नहीं वेद, पूराण अनेक रचनाएं की हैं। लेकिन वे पहले से विद्यमान थी। यह सृष्टि अभी उतना समय पूरा करेगी। जितना समय गुजर चुका है। क्योंकि वैदिक गणित के अनुसार ब्रह्मा जी की आयु आधी पूरी हुई हैं। उनकी उम्र भी 100 वर्ष है। लेकिन, उनका एक दिन 284 चौकड़ी के बराबर होता है। एक चौकड़ी का अर्थ है चार युग का समय।
आप स्वयं गणना कर सकते है। यह सृष्टि कितनी पुरानी है। यह बातें आज मंगलवार को महान सन्यासी संत जीयर स्वामी जी महाराज ने राजपुर के खिरी गांव में कहीं। यहां एक पूर्व ही उनकी कथा प्रारंभ हुई है। भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दौरान स्वामी जी छह दिनों तक रहेंगे। उनके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं। कथा का समय अपराह्न 4 से 5:30 का रखा गया है। दोपहर में 12 से 1 बजे के मध्य वे दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं से मिलते हैं। इसके उपरांत उनका पूर समय मौन में गुजरता है। प्रात: में 6 बजे भगवान की आरती और अपराह्न समय कथा के उपरांत वे मौन व्रत का अनुसरण कर रहे हैं।