बक्सर खबर। कभी-कभी ऐसे हादसे होते हैं। जो लोगों का दिल दहला देते हैं। शुक्रवार की रात साढ़े आठ बज रहे थे। एनएच 84 पर नावाडेरा लाइन होटल के पास कार को किसी बड़े वाहन ने टक्कर मार दी। मौके पर ही दो लोगों की मौत हो गई। आस-पास के लोगों ने घायलों ही सुध ली। अंदर पांच वर्ष का एक बालक और एक व्यक्ति घायल अवस्था में मिले। बच्चे को बहुत चोट नहीं थी। उस समय तक बचाने वालों को सिर्फ यही पता था। कुल चार लोग गाड़ी में सवार हैं। लेकिन, जब कुछ वक्त गुजरा तो गाड़ी से बच्चे की रोने की आवाज आने लगी। जिस लाइन होटल के पास दुर्घटना हुई थी। उस होटल के लोग ही सबसे पहले मदद को पहुंचे थे। बच्चे की आवाज सुन सबके कान खड़े हुए।
अंदर झांक कर देखा तो सीट के नीचे से रोने की आवाज आ रही थी। कपड़े में लिपटा एक मासूम रो रहा था। उसे जल्दी से बाहर निकाला गया। वह पुरी तरह सुरक्षित था। बहुत देर तक रोता रहा। फिर सो गया। देखने वाले अफसोस कर रहे थे। मां को तलाश रहा होगा। कैसी किश्मत है बेचारे की। पुलिस को सूचना मिली तो उसने फोन व कागजात के आधार पर परिजनों को सूचना दी। आज शनिवार की सुबह होते-होते बच्चों के ननिहाल और दादा के यहां से लोग पहुंच गए। नानी और मौसी ने बच्चे को अपने पास रखा। सबका रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। भगवान ने यह कैसा खेल किया। दो-दो बच्चे एक साथ अनाथ हो गए। पूछने पर उन्होंने बताया अनिल जमशेदपुर के रहने वाले थे। वे लोग न्यू ईयर पर बच्चों की ननिहाल गोरखपुर गए थे। वहीं से लौट रहे थे। लेकिन, किसी को क्या पता था। ऐसी दुर्घटना होगी। परिजन आए तो सबकी मौजूदगी में बच्चों को उनके हवाले किया गया। पेशे से इंजीनियर उनके पिता और मां अब इस दुनिया में नहीं थे। परिवार वालों ने बताया बड़ा बेटा नैतिक पांच वर्ष और छोटा बेटा कार्तिक महज डेढ़ माह का है। अब उनके सर से माता-पिता का साया छीन गया है।
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