आर्सेनिक प्रभावित घरों में पहुंचेगा पीने के लिए शुद्ध गंगा जल, बाढ़ से छह लाख लोगों को मिलेगी राहत 

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मुख्यमंत्री ने दी 476 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की सौगात                                                           बक्सर खबर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के तहत शनिवार को बक्सर जिले को 476.02 करोड़ रुपये की सौगात दी। इस दौरान उन्होंने 73 विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें 350.13 करोड़ रुपये की 41 योजनाओं का उद्घाटन तथा 125.89 करोड़ रुपये की 32 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। मुख्यमंत्री ने सिमरी प्रखंड के केशवपुर में जलशोध संस्थान बहुग्रामी जलापूर्ति योजना 202.70 करोड़ रुपये का उद्घाटन किया, जिससे सिमरी प्रखंड के 36760 आर्सेनिक प्रभावित घरों में शुद्ध गंगा जल की आपूर्ति होगी। इसके अलावा, बक्सर-कोईलवर गंगा तटबंध सुदृढ़ीकरण 181.26 करोड़ रुपये, गोलंबर से ज्योति प्रकाश चौक तक फोरलेन सड़क 41.52 करोड़ रुपये, रामरेखा घाट पर ऑडिटोरियम और कैफेटेरिया 13.24 करोड़ रुपये और होटल ‘विश्वामित्र विहार’ 24.56 करोड़ रुपये जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

मुख्यमंत्री ने 51.72 किमी लंबे बक्सर-कोईलवर गंगा तटबंध के सुदृढ़ीकरण कार्य का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना के पूर्ण होने से 6 लाख लोगों को बाढ़ से राहत मिलेगी और बक्सर-डुमरांव अनुमंडल के बीच वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। गोलंबर से ज्योति प्रकाश चौक तक लगभग 3 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण 41.52 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इसके बन जाने से यातायात सुगम होगा और जाम की समस्या से लोगों को राहत मिलेगी।

केशवपुर में जीविका दीदी को संबोधित करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।

केशवपुर में विभिन्न विभागों एवं जीविका दीदियों द्वारा लगाये गये स्टॉल का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने आयुष्मान कार्ड, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत एक लाख रुपये का सांकेतिक चेक, सुयोग्य श्रेणी के लाभुकों को सरकारी भूमि के बंदोबस्ती प्रमाण पत्र, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना अंतर्गत 1 करोड़ 60 लाख रुपये का सांकेतिक चेक, मुख्यमंत्री निःशक्त जन विवाह प्रोत्साहन योजना तथा मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत एक-एक लाख रुपये के अनुदान राशि, मुख्यमंत्री कृषि वानिकी प्रजाति प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 1 लाख 28 हजार 700 रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने बताया कि बिहार में 2006 में स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए विश्व बैंक से कर्ज लिया गया था और इसे “जीविका” नाम दिया गया। आज, बिहार के शहरी क्षेत्रों में भी जीविका समूह सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है।

 

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