बक्सर खबरः रविवार को भारत के पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह की पत्नी डुमरांव पहुंची। जिनका स्वागत राजपरिवार के युवराज चंद्र विजय सिंह ने स्टेशन पहुंच किया। सीता सिंह के आगमन से पूर्व से ही पुलिस ने चाक चौबंद व्यवस्था कर रखी थी। हर आने-जाने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही थी। लगभग ग्यारह बजे श्रमजीवी एक्सप्रेस से डुमरांव पुहंची । जहां कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें राजपरिवार के भोजुपर कोठी पहुंचाया गया। सीता सिंह ने बताया कि डुमरांव महराजा कमल बहादुर सिंह मेरे सगे फुफेरे भाई। उन्हें मैं फरवरी में होने वाली छोटी बेटी की शादी का निमंत्रण पत्र देने आई हूं।
क्योंकि वो ही अब हमारे परिवार में सबसे बड़े है। निमंत्रण पत्र देने के बाद वह सीधे राजगढ पहुंची जहां उन्होनें अपने बचपन के छह साल गुजारे है। वहां पहुंच उन्होंने राजगढ़ का परिभ्रण किया। प्रसिद्ध विहारी जी के मंदिर में पूजा अर्चना की। सिंह ने कहा कि डुमरांव में सबकुछ बदल गया पर विहारी जी के मंदिर में कुछ नही बना है। डुमरांव में बचपन से ही अपनापन मिला है। यहां आकर बचपन गुजारे गए समय की यादे ताजा हो गई। डुमरांव धर्म, शिक्षा, संस्कृति व कला के क्षेत्र में शुरू से ही उन्नत रहा है। इसमें राजपरिवार की भूमिका भी काफी सराहनीय है। रविवार रात में मगध एक्सप्रेस से वापस दिल्ली लौट गई। इस मौके पर युवरानी कनिका सिंह, परीणिति सिंह, राजीव रंजन सिंह के अलावे राजपरिवार के कई सदस्य मौजूद रहे।