‌‌‌भगवान को लगा छप्पन भोग, गोधन कूट बहनों ने भाई के लिए मांगा वरदान

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बक्सर खबर। दिवाली एक दिन का उत्सव नहीं। इसके साथ तीन दिन का उत्सव जुडा है। पहले दिवाली, दूसरे दिन अन्नकूट और तीसरे दिन गोधन पूजा। अन्नकूट के दिन कहीं-कहीं गोवर्धन पूजा मनायी जाती है। लेकिन अपने प्रदेश में गोधन कूटने की परंपरा भी है। बहने इस दिन भाई को पहले शापित करती हैं। इसके उपरांत उनकी सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। यह दोनों उत्सव क्रमश: गुरुवार और शुक्रवार को मनाए गए।

गुरुवार को नया बाजार स्थित सीताराम विवाह आश्रम में भगवान राम जानकी के मंदिर में अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। जिसमें शहर के सैकडों धर्मानुरागी लोग शामिल हुए। महंत राजाराम जी महाराज ने सभी आगत अतिथियों को स्नेह से भगवान का प्रसाद पवाया। दोपहर में प्रारंभ हुआ उत्सव शाम तक चला। लोगों का तांता लगा ही रहा। यहां जिले ही नहीं वरन बाहर से आए संतों ने भी महोत्सव में शामिल हो प्रसाद ग्रहण किया।

ठठेरी बाजार में गोधन कूटती महिलाएं व किशोरियां

आज मनी गोधन पूजा
बक्सर खबर। अपने बिहार में गोधन पूजा दिवाली के एक दिन बाद कभी तिथि अनुसार दूसरे दिन भी मनायी जाती है। पारंपरिक त्योहार में महिलाएं गोबर से जमीन पर गोधन का निर्माण करती हैं। फिर वहां रेगनी का कांट आदि डालकर धान कुटने वाले मुसल से उसकी कुटाई होती है। इसके उपरांत चना और चुकिया मिठाई का प्रसाद चढाया जाता है। शहर हो या गांव हर जगह उत्सव बडे ही उल्लास से बहने मनाती हैं। इसमें हर उम्र की महिलाएं शामिल होती हैं।

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