जनसेवा की आड़ में ब्लैकमेलिंग का गंदा खेल: गिट्टू तिवारी समेत दो गिरफ्तार, पटना की युवती भी नामजद

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28 हजार में हुई डील, 100 रुपये भेजकर बुलाया मिलने, मोहल्लेवालों ने रंगे हाथ पकड़ा                              बक्सर खबर। जनसेवा का चोला ओढ़कर समाज में खुद को राष्ट्रवादी बताने वाले तथाकथित समाजसेवी गिट्टू तिवारी और उसके सहयोगी संजय उपाध्याय की असलियत तब सामने आई जब वे अश्लील तस्वीरों और वीडियो की धमकी देकर फिरौती मांगने के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार हुए। इस हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस ने पटना निवासी एक युवती को भी मुख्य अभियुक्त के रूप में नामजद किया है, जो इस पूरे रैकेट की मास्टरमाइंड बताई जा रही है। नगर थाना क्षेत्र के बंगाली टोला निवासी आफताब आलम उर्फ जानू ने नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी में बताया कि उसके भगिना और मंगेतर की निजी तस्वीरें फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर सार्वजनिक की गईं। इसके बाद वीडियो वायरल करने की धमकी देकर 1.5 लाख रुपये की मांग की गई। काफी मोलभाव के बाद 28 हजार में डील तय हुई। आफताब से आदर्श उपाध्याय नामक अकाउंट में 100 रुपये ट्रांसफर करने को कहा गया, जिससे मिलने का बहाना बनाया गया। जैसे ही आरोपी गिट्टू तिवारी और संजय उपाध्याय रकम लेने पहुंचे, पहले से सतर्क मोहल्लेवालों ने उन्हें धर दबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया।

घटना गुरुवार संध्या 4 बजे की बताई जा रही है, जब मोहल्ले वालों ने उन्हें मुनीम चौक स्थित मेहंदी वस्त्रालय के पास पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। इस मामले में आफताब ने जिन लोगों के नाम लिए हैं, उनमें सबसे प्रमुख नाम पीसी कॉलेज के समीप रहने वाले सुरेन्द्र तिवारी के पुत्र अरविंद तिवारी उर्फ गिट्टू तिवारी का है, जो तिरंगा यात्रा के संयोजक और स्वयंभू राष्ट्रवादी के रूप में जाने जाते हैं। उनके साथ वीर कुंवर सिंह कॉलोनी निवासी त्रिलोकनाथ उपाध्याय के पुत्र संजय उपाध्याय की गिरफ्तारी हुई है।

नगर थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों पर आईटी एक्ट की धारा 66C, 66D और भारतीय दंड संहिता की धारा 319, 318, 303 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि बक्सर में इस तरह के ब्लैकमेलिंग रैकेट तेजी से सक्रिय हो रहे हैं। पूर्व में भी शहर के शिक्षकों और एक फोटो जर्नलिस्ट को इस प्रकार फंसाने की कोशिश की गई थी। इस मामले को लेकर जिले में खासा राजनीतिक और सामाजिक दबाव देखने को मिला। कई स्वजातीय सफेदपोशों ने मामले को दबाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन पुलिस की तत्परता से साजिशें नाकाम रहीं। शुक्रवार को नगर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर हवालात भेज दिया। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी फर्जी प्रोफाइल, संदिग्ध लिंक या अनजान चैट पर भरोसा न करें। यह नया ब्लैकमेलिंग मॉडल अब जिला में भी पैर पसार चुका है और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।

 

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  1. पत्रकार महोदय, समाचार तो सही से लिखिए। भारतीय दंड संहिता कब का समाप्त हो गया है। लगता है कि आपको भी संपूर्ण जानकारी नहीं है और स्वघोषित पत्रकार बन गए है।

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