धन्य है कलयुग, महिलाएं और सेवा करने वाले लोग: जीयर स्वामी

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– पत्नी को प्राप्त हो जाता है पति के पुण्य कर्मों का आधा फल
बक्सर खबर। कलयुग बहुत महान है। कलयुग की महता बहुत अधिक है। इतना ही नहीं नारी धन्य है और सेवा करने वाले लोग भी। यह बातें भारतवर्ष के महान मनीषी सन्यासी संत लक्ष्मी प्रपन्ना जियर स्वामी जी महाराज ने पिछले दिनों बलिया चातुर्मास के दौरान कथा में कहीं। उन्होंने कहा अक्सर प्रश्न सामने आता है। कलयुग अच्छा नहीं है, इसका क्या प्रभाव ? स्वामी जी ने कहा कलयुग धन्य है। यह सुनकर आपके मन में सवाल उठ सकता है, ऐसा कैसे। एक बार की बात है, कुछ ऋषि धर्म संबंधि बातों पर चर्चा के लिए वेद व्यास जी के पास गए। वे उस समय सरोवर में स्नान कर रहे थे। ऋषियों ने उन्हें स्नान करते देखा तो आश्रम में एक जगह बैठ गए, उनका इंतजार करने लगे।

स्नान करने के दौरान व्यास जी ने कहा कलयुग धन्य है। दूसरी डुबकी पर बोले धन्य हैं महिलाए और तीसरी डुबकी लगाई तो कहा धन्य हैं सेवा करने वाले लोग। यह बातें सभी ऋषि वहां बैठे-बैठे सुन रहे थे। हालांकि वे धर्म जिज्ञासाओं को जानने के लिए आए थे। लेकिन स्नान के दौरान जो बातें उन्होंने सुनी उसने उनके कौतुहल को और बढ़ा दिया। व्यास जी जैसे ही उनके पास आए। उन लोगों ने सवाल किया। आपने तीन बातें कहीं कलयुग धन्य है, धन्य हैं स्ति्रयां सेवा करने वाले लोग। हमें इन वाक्यों का तात्पर्य समझांए। व्यास जी ने कहा कलयुग इस लिए धन्य है कि जितना पुण्य फल सतयुग में हजारों वर्ष की तपस्या से मिलता था, त्रेता में यज्ञ से मिलता था, द्वापर में धमार्थ कार्य से मिलता है। उतना पुण्य फल कलयुग में मात्र पांच मिनट भगवत स्मरण से प्राप्त हो जाता है।

-व्यास गद्दी पर विराजमान लक्ष्मी नारायण भगवान व पास में रामानुज स्वामी की प्रतिमा

इस युग का यह प्रभाव है कि मन में भी लोग परमात्मा का ध्यान कर लें तो पूजा का फल मिल जाता है। स्त्रियां धन्य हैं का अर्थ है, उन्हें, पिता, पति व पुत्र द्वारा किए गए धर्म का आधा फल प्राप्त हो जाता है। स्वामी जी ने इसे आसान भाषा में समझाते हुए कहा। भार्या को धर्म पत्नी कहा गया है। अर्थात आपके धर्म का आधा हिस्सा उन्हें मिल जाता है। आपने देखा होगा, अगर पति डॉक्टर, मास्टर है अथवा किसी भी पद पर है। उसकी पत्नी के साथ वह पद स्वत: जुड़ जाता है। लेकिन, अगर पत्नी उस स्थान पर है। तो पति को उसका अधिकार नहीं मिलता। इसी तरह सेवा करने वाले लोग हैं। आज के दौर में जो लोग सेवा भाव से किसी की मदद करते हैं। चाहे व सफाई करने वाला हो अथवा किसी भी क्षेत्र में निचले दर्जे पर काम करने वाला। वह भी धन्य है।

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