बक्सर खबर। कानून के जानकार अक्सर धोखाधड़ी के मुकदमें में एक शब्द प्रयोग करते हैं। अमानत में खयानत, अर्थात विश्वास में धोखा। ऐसा कोई जालसाज करता है तो चौकने वाली बात नहीं। लेकिन, जब साला ही जीजा को धोखा देदे तो चौकना लाजमी है। रविन्द्रनाथ सिंह यह, नाम है उस व्यक्ति का जिसे पुलिस ने बुधवार को जेल भेज दिया। उनके खिलाफ 1 करोड़ 37 लाख रुपये हड़पने का अरोप है। हालाकि वे फंसते नहीं। लेकिन, इस राशि का चेक उन्होंने डा॰ जनार्दन सिंह के नाम दे रखा था। दोनों चेक बैंक में बाउंस कर गए। फिर न्यायालय में इसकी शिकायत हुई।
राजपुर थाना के डेबीडेहरा गांव निवासी डाक्टर की शिकायत पर न्यायालय ने पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच का आदेश दिया। 224/18 मुकदमा दर्ज हुआ। जांच में कई बातें सामने आई। रविन्द्र नाथ सिंह (यादव) ने अपने बहनोई से देहरादुन में जमीन खरीदने के लिए 93 लाख 50 हजार रुपये लिए थे। साथ ही हर्बल उत्पाद की फैक्ट्री डालने के लिए अलग से 44 लाख। यह सबकुछ कई वर्षो में हुआ। शिकायत कर्ता औषधि वैज्ञानिक हैं। जो देहरादुन में काम करते हैं। उनका साला भी पहले से वहां रहता था। उन्होंने स्वयं की फैक्ट्री लगाने का निश्चय किया। साले ने बताया आप यहां के निवासी नहीं हैं। जमीन आपको नहीं मिलेगी। आप चाहें तो मेरे नाम पर जमीन खरीद सकते हैं। क्योंकि मेरा परिवार बहुत समय से यहां रहता आ रहा है। साले की बात पर विश्वास कर यह रकम कई किस्तो में दी गई। अपने नाम जमीन खरीदने के बाद साले ने उसे बेच दिया। जब बात डाक्टर को पता चली तो पंचायत होने लगी। अंतत: मजबूर होकर उसने उस रकम का चेक उन्हें वापस किया। लेकिन, चेक बाउंस होने के बाद विवाद बढ़ता गया। दो दिन पहले रविन्द्रनाथ कैमुर में चल रहे किसी मुकदमें में जमानत के लिए आया था। इसकी भनक पीड़ित पक्ष को लगी। उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया।
साले ने भी कराया था छेड़खानी का मुकदमा
बक्सर खबर। देहरादुन में रह रहे जीजा और साले के बीच रुपये को लेकर रिश्ता खराब हो चुका था। उसके कुछ समय बाद उसे अपनी पत्नी की सहायता से छेड़खानी का मुकदमा वहां दर्ज कराया। जांच में वह मामला गलत साबित हुआ। न्यायालय ने उसे खारिज कर दिया। तब से इन दोनों के बीच विवाद और बढ़ गया। पीड़ित पक्ष की माने तो उसने जानलेवा हमला भी कराया। बहरहाल ऐसा करने वालो को पुलिस ने जेल भेज दिया है। अब न्यायालय में यह साबित होगा कि कौन दोषी है। और उसका अपराध क्या है।