-संगीन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा, राशि वसूलने का निर्देश
बक्सर खबर। सत्ता का दुरुपयोग कैसे होता है। इसका उदाहरण है, सिमरी का कॉउ शेड प्रकरण। जिसमें आरोपी बनाया गया है धीरज कुमार पाठक को। वे सिमरी प्रखंड प्रमुख पति के भाई हैं। उनके विरूद्ध 25 अगस्त को सिमरी थाने में प्रखंड विकास पदाधिकारी सिमरी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस पूरे खेल में धीरज सिर्फ मोहरा है या इस अपराध के सच्चे भागीदार। अब इसकी कलई न्यायालय में खुलेगी। क्योंकि कल तक विभागीय जांच चल रही थी। लेकिन, अब मुकदमे की विवेचना न्यायालय में होगी। क्योंकि प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। धाराएं भी संगीन हैं।
ऐसे में उनका जेल जाना तो तय है। धीरज के विरूद्ध आरोप यह है कि उन्होंने अपन गांव नियाजीपुर के रहने वाले पड़ोसी शिवानंद पाठक की जमीन पर सरकारी अनुदान से काउ शेड का निर्माण करा लिया है। हालांकि शर्तों के अनुरुप अनुदान लेने से पूर्व उन्होंने शपथपत्र भी जमा किया था। जिसमें दूसरे की भूमि का उल्लेख था। लेकिन, भवन कहीं और बना दिया गया। वह भूमि शिवानंद पाठक की है। उन्होंने इसकी शिकायत लोक शिकायत के माध्य से की। जांच शुरू हुई तो धीरज गलत पाए गए। उनसे राशि वापस लेने की बात की गई। लेकिन, आदेश का पालन नहीं हुआ।
शिकायतकर्ता ने पुन: जनवरी 2022 अपीलीय प्राधिकार के सामने पक्ष रखा। उसकी सुनवाई करते हुए डीडीसी ने 17 फरवरी 2022 को ही प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। लेकिन, पिछले एक वर्ष से मामले को दबाकर रखा गया था। लेकिन, कहते हैं कागज मरता नहीं है। 19 अगस्त 2023 को सिमरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई। 25 को पुलिस ने जांच के उपरांत धीरज पाठक के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। साथ ही उनसे राशि वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर करने का निर्देश भी दिया गया है। हालांकि इस पूरे खेल में नीरज पाठक का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि वे आरोपी के बड़े भाई हैं और राजनीतिक रसूख वाले भी।