बक्सर खबर । अपना जिला पशु तस्करों के लिए सेफ जोन बन गया है। इसका खुलासा मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली से आई ए डब्लू बी आई एस एफ की टीम ने किया। इस टीम ने सोमवार को शहर के बड़की सारिमपुर इलाके में छापामारी की थी। जहां एक अहाते में 160 मवेशी बरामद किए गए थे। जिनकी हालत बहुत ही खराब थी। इस टीम के सदस्यों ने मीडिया को बताया यह जिला बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड में पशुओं की तस्करी कर रहा है। जिसमें प्रशासन की लापरवाही स्पष्ट है। मंगलवार को यहां दो मुकदमें दर्ज हुए। नगर और औद्योगिक थानों की टीम ने हमारे निर्देश के बाद भी वैसी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है जो जमानतीय हैं।
इनके अनुसार रोज गाय, बैल, बछड़े गंगा किनारे से बक्सर लाए जाते हैं। बलियां और गाजीपुर जिले से नरही, बयासी, फेफना के रास्ते जिले के सिमरी इलाके से यहां दाखिल होते हैं। इन्हें चौसा आदि हाटों में खुलेआम कसाइयों के हाथ बेचा जाता है। जहां से झारखंड के रास्ते पश्चिम बंगाल और बंगलादेश तक भेजा जाता है। यह कोई छोटा मामला नहीं। इस कारोबार से उत्पादित काला धन आतंकवाद, हथियारों की तस्करी और जाली नोटों के व्यापार को फ़ंड करता है। इसी सब की तहकीकात व रोकथाम के लिए गौ ज्ञान फ़ाउंडेशन के स्वयं सेवकों और ए डब्लू बी आइ अफ़सरों की एक टीम देश भर से बक्सर आयी हुई है ।
कल (23.4..2018) की दोपहर को इन अफ़सरों ने प्रशासन के सहयोग से 160 मवेशियों को सरीमपुर में एक खुले मैदान से बरामद किया। ये जानवर अधमरी हालत में भूख, प्यास से तड़प रहे थे। कई घायल और जख्मी थे तो कुछ बीमार और काफी कमजोर। जो इनका पालक होने का दावा कर रहा था, उसके पास ना तो इनके कागजात थे न ट्रांसपोर्ट की परमिट। उसका जानवरों के स्वास्थ्य से कोई लेना देना ना था, जिससे ज़ाहिर हो रहा था कि उसका उद्देश्य इनका रख रखाव नहीं अपितु तस्करी ही था! जब उसकी गाय ज़ब्त हुई तो उसने अन्य अवैध व्यापारियों को भी सूचना दी । यहां के एसएचओ व आइओ लेवल के अधिकारी भ्रष्टाचार से ग्रस्त हैं। हालांकि सीनियर अधिकारियों और मुख्यमंत्री का सहयोग सराहनीय है। जिन्होंने इस हवाई अवैैैैध तस्करी को रोकने का आश्वासन दिया है।
सख्त है कानून
बक्सर : पाठक जान ले की उत्तर प्रदेश प्रिवेन्शन अव कैटल स्लॉटर ऐक्ट 1955 के तहत बिना परमिट के मवेशियों को राज्य सीमा से बाहर ले जाना वर्जित है। बिहार प्रेजर्वेशन एंड इम्प्रूव्मेंट आउफ़ अनिमलस ऐक्ट 1855 के तहत, 15 वर्ष से छोटे और स्वस्थ मवेशियों का वध प्रतिबंधित है। झारखंड बोवायन ऐनिमल प्रोहिबिशन आउफ़ स्लॉटर ऐक्ट 2005 के तहत गो पशुओं की हत्या और हत्या के लिए परिवहन पर प्रतिषेध है । साथ ही प्रिवेन्शन अव क्रूअल्टी अगेन्स्ट अनिमलस ऐक्ट 1960 और आइ पी सी धारा 528 और 429 के तहत जानवरों पर अत्याचार दंडनीय अपराध है। संवाददाता सम्मेलन में राकेश कुमार पांडेय, पशु क्रूवेल्टी टीम की अनिता मारवा, मीनाक्षी कुमारी व आर्ची बरनवाल शामिल रहीं।