-कृषि विभाग ने किया सम्मानित, विधि से रुबरू हुए किसान
बक्सर खबर। खेती में रासायनिक उर्वरकों की खपत कम करने हेतु आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन, उसका उचित उपयोग के लिए जरुरी है भूमि की उर्वरा जांच। जिसके लिए किसानों को लंबा समय लगता था। मिट्टी लैब में लानी पड़ती थी। अब यह काम बहुत ही आसान हो गया है। क्योंकि बक्सर के ही लाल ने भू परीक्षक एप्प का बना दिया है। ऐसे करने वाले जयंत कुमार सिंह का शनिवार को बक्सर में आगमन हुआ। कृषि पदाधिकारी ने उन्हें सम्मानित किया। जयंत नावानगर प्रखंड के निवासी हैं। आईआई टी कानपुर से केमिकल इंजीनियर हैं।
मिट्टी परीक्षण हेतु पोर्टेबल डिवाइस के साथ मोबाइल एप्प का विकास किया है जो किसानों के खेत में दो मिनट के अंदर मिट्टी के सेहत की जांच रिपोर्ट उपलब्ध करा देगा। और किसान उस रिपोर्ट के आधार पर संतुलित उर्वरक का प्रयोग कर सकेंगे। मिट्टी जाँच के क्षेत्र में यह एप्प क्रांतिकारी साबित होगा। इस मौके पर कृषि भवन में किसानों को आमंत्रित किया गया था। जिन्हें संबोधित करते हुए उन्होंने कहा मेरा लक्ष्य था, सबसे पहले इसक प्रयोग अपने जन्मभूमि पर किया जाए। कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि इस एप्प के माध्यम से किसान अब पांच से दस रुपए शुल्क भुगतान कर अपने खेतों की मिट्टी की जांच करा सकेंगे।
मिट्टी की जांच कराने से अंधाधुंध तरीके से किये जा रहे रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग में कमी आएगी। उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से उत्पादित अनाज में विषाक्तता बढ़ रही है। जिससे कई तरह की बीमारी बढ़ रही है साथ ही पर्यावरण, मिट्टी, जल इत्यादि प्राकृतिक संसाधन नष्ट होते जा रहे है। इस परिस्थिति में भू परीक्षक एप्प मिल का पत्थर साबित होगा। भू परीक्षक एप्प को विकसित करने वाले जयंत कुमार सिंह ने बताया कि एप्प की लॉन्चिंग 26 मई 2022 को की गई है,जिसका सर्वप्रथम प्रत्यक्षण बक्सर जिले में कृषि विभाग से शुरू किया गया है। अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने हेतु इस एप्प के मार्केटिंग के लिए एग्रोनेक्स्ट से करार किया गया है। इस एप्प के माध्यम से किसान बहुत ही कम खर्चे में अपने क्षेत्र के आस पास ही मिट्टी के सेहत की जांच करा सकते है।
इस एप्प की विशेषता है कि किसान द्वारा लाई गई मिट्टी को जाँचने में मात्र दो मिनट का समय लगता है। मिट्टी जांच के क्रम में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कार्बन, क्ले इत्यादि की जानकारी त्वरित रूप से मिल जाएगी। आगे उन्होंने बताया कि भू परीक्षक यंत्र को ब्लूटूथ के माध्यम से स्मार्ट फ़ोन से कनेक्ट किया जाएगा। स्मार्ट फ़ोन में प्ले स्टोर के माध्यम से एप्प इनस्टॉल कर यंत्र के माध्यम से रसायन का उपयोग किये बिना मिट्टी जांच का रिपोर्ट स्मार्ट फ़ोन में संधारित हो जाएगा जिसे कृषक भविष्य में कभी रिपोर्ट के आधार पर अपने खेतों में संतुलित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग कर सकेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीटीएम विकास कुमार राय, जिलास्तरीय आत्मकर्मी रघुकुल तिलक, दीपक कुमार, त्रिपुरारीशरण सिन्हा, सत्येंद्र राम इत्यादि सहित प्रसार कर्मी एवं प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।