-प्रशासन के पास है जुर्माना लगाने का अधिकार, आवागमन हो रहा है बाधित
बक्सर खबर। घर सड़क पर हो तो मकान मालिक सीना चौड़ा कर चलता है। मेन रोड पर घर है, इसकी शेखी बघारता है। लेकिन, पानी सड़क पर बहाता है। यह किसी से नहीं बताता। सड़क बजबजाने लगे तो लोग सरकार को अपशब्द बकते हैं। जबकि उसके वाजिब हकदार घर के मालिकान और उनके पड़ोसी ही हैं। हम यह नाली चलिसा आपको इस लिए पढ़ा रहे हैं कि क्योंकि एक युवा पाठक (सोशल मीडिया यूजर) ने बक्सर खबर को कई तस्वीरें भेजी है। जिसमें एक आपको खबर के साथ दिख रही है।
नजारा है गोलंबर से जासो जाने वाली सड़क का। पहले यह गांव की सड़क हुआ करती थी। लेकिन, इसके आस-पास शहर बस गया है। लेकिन, गोलंबर से लेकर दादा बाबा के डेरा तक इसका बूरा हाल है। यह तस्वीर है, एक मैरेज हाल के सामने की। जिसने अपना नाम एक देवी के नाम पर रखा है। उसका और आस-पास के घरों से विसर्जित जल बहकर सड़क पर आता है। नतीजा कीचड़ से सनी सड़क और परेशान होते लोग। टोकने पर लोग कहते हैं सरकार नाली नहीं बनवाती, हम क्या करें, यहां का सिस्टम की सड़ गया है। लेकिन, सच सिर्फ इतना ही नहीं है। सड़क किनारे 10 से 15 फिट चौड़ी चाट होती है। जिसका आस-पास वाले अतिक्रमण कर चुके हैं।
जो पानी उसमें जमा होता, वह सड़क पर बह रहा है। मिट्टी गीली होने से सड़क भी धंस रही है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि ऐसा करने वालों पर जुर्माना ठोके। क्योंकि सड़क को नुकसान पहुंचा और सार्वजनिक उपयोग की भूमि का अतिक्रमण दोनों दंडनीय है। यह तो बातें हो गई व्यवस्था से जुड़ी खामी की। लेकिन, प्रशासन और नगर परिषद को इस तरफ ध्यान भी देना चाहिए। क्योंकि जासो का बड़ा इलाका नगर परिषद का हिस्सा हो गया है। उसकी यह जिम्मेवारी बनती है, दुर्घटना का कारण बन रहे इन गड्ढों को भरे और नाली के पानी का ठोस इंतजाम करे।