बक्सर खबर। चौसा में वर्षों से चले आ रहे पशु मेले में गुरुवार को प्रशासन ने छापामारी की। इसकी भनक लगते ही मेला व्यापारियों में हड़कंप मच गया। सदर एसडीओ के के उपाध्याय के साथ वहां पहुंची पशु क्रुवेल्टी की टीम के आने से पहले सभी पशु व्यापारी और मेला मालिक गायब हो गए। इस मामले में दिल्ली से यहां पहुंची टीम ने 18 मेला संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। मुफस्सिल थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार
यदिन्द्र सरोहा के आवेदन पर प्रेमशंकर दुबे, मुन्ना दुबे, उदय नारायण दुबे, उपेन्द्र सिंह यादव, बिरेन्द्र सिंह यादव, कामेश्वर चौबे, दिनबंधु सिंह, सतीश सिंह, सुधीर चौधरी, विष्णुदेव चौधरी, शंभु मिश्र, रमेश चन्द्र पांडेय, झून्ना दुबे, विष्णुदेव दुबे, छठू यादव, गोधा सिंह यादव, अवधेश यादव, बृजबिहारी यादव को नामजद किया गया है। अधिकारियों के अनुसार यहां मेला लगाने वालों के पास कोई लाइसेंस नहीं है। न ही यहां पशुओं की देखभाल के लिए उचित संसाधन उपलब्ध हैं। मवेशी खुले में धूप में जलते हैं। जब प्रशासन ने यहां छापा मारा तो कई बछड़े बीमार हालत में मिले। जिनके उपचार के लिए डाक्टरों को बुलाया गया।
बरामद किए गए हैं 280 मवेशी
बक्सर । चौसा में हुई छापामारी के दौरान मेले के विभिन्न हिस्सों से कुल 280 मवेशी बरामद किए गए। इसकी जानकारी मीडिया को दिल्ली यहां आई टीम के सदस्यों ने दी। उनका कहना था न किसी के पास लाइसेंस था। न मेले में पशुओं को रखने उचित प्रबंध। इतना ही नहीं बगैर प्रशासनिक अनुमति के प्रदेश से मवेशियों को बाहर भेजा जा रहा है। जो पूरी तरह गैर कानूनी है। इस आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
कुछ दिन पहले मीडिया ने बताया था टीम को फर्जी
बक्सर । पिछले दिनों जब इस टीम के सदस्यों ने शहर के सारिमपुर इलाके में छापामारी की तो तरह-तरह की खबरें आई। वहां 160 मवेशी बरामद किए गए थे। अगले दिन पशु क्रुवेल्टी टीम ने पीसी कर जानकारी दी बिहार के रास्ते बंगलादेश तक मवेशियों का कारोबार हो रहा है। इस धंधे में बहुत से लोग शामिल हैं। तब एक दो मीडिया हाउस ने खबर चलाई। दिल्ली से आई टीम फर्जी। लेकिन जब इस टीम के सदस्य दुबारा यहां पहुंचे तो वे ऐसा गरजे की चौसा में लगने वाला पशु मेला पूरी तरह खाली नजर आया। अगर टीम फर्जी थी तो उनकी किस पहल पर प्रशासन ने चौसा में कार्रवाई की। यह सवाल फिलहाल सबके सामने है।