‌‌‌बारह वर्ष बाद पाकिस्तान से घर लौटा चौसा का युवक

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-जिसका हो चुका था अंतिम संस्कार, उसे सामने देख फुले नहीं समाए घर वाले
बक्सर खबर। बारह वर्ष से लापता चौसा का छवि मुसहर आज मंगलवार को अपने गांव खिलाफतपुर लौट आया। डीएम व एसपी के निर्देश पर उसे चौसा के बीडीओ व थानाध्यक्ष ने दोपहर दो बजे के लगभग परिवार को सौंपा। छवि मूल रुप से मुफस्सिल थाना के खिलाफतपुर गांव का रहने वाला है। जब उसकी मां वृति देवी उससे मिली तो आंखे भर आई। अपने बेटे को हाथों से मिठाई खिला उसे वतन वापस लौटने की शुभकामना दी। जब वह घर पहुंचा तो दलित बस्ती के लोग उसे अपने बीच पाकर नाचने लगे। हालांकि इन बारह वर्षो में बहुत कुछ बदल गया है। छवि की पत्नी ने दूसरी शादी कर ली। घर वालों ने उसे मृत मानकर अंतिम संस्कार भी कर दिया था।

किस रास्ते लौटा छवि, लेने गई थी जिले की पुलिस
बक्सर खबर। छवि पांच अप्रैल को पाकिस्तान से अटारी सीमा के रास्ते वापस लौटा। उसे बीएसएफ के हवाले किया गया। वहां की टीम ने उसे गुरुदासपुर जिले को सौंपा। पंजाब की पुलिस ने बक्सर को सूचना दी। यहां से एसपी नीरज सिंह ने अपने ओएसडी निर्मल कुमार को वहां के लिए रवाना किया। जो उसे लेकर आज मंगलवार की सुबह मुफस्सिल थाना पहुंचे।

भाई रवि के साथ खुशी से नाचता छवि सर पर सफेद गमछा बांधे हुए

घर से निकला था ससुराल, पहुंच गया पाकिस्तान
बक्सर खबर। वापस गांव लौटने पर छवि से पूछा गया। आप पाकिस्तान कैसे पहुंच गए। उसका जवाब था मैं तो ससुराल जा रहा था। ट्रेन में बैठा तो पुलिस ने पकड़ लिया। वहां जेल में यातना मिलती थी। भोजन मिलता था। इन सवालों के बारे में उसने कहा कभी-कभी मारते थे। खाना भी मिल जाता था। हालांकि वह सभी सवालों का जवाब देने की स्थिति में नहीं है। क्योंकि वह स्वभाव से कुछ ज्यादा ही भोला-भाला है।

वैसे गांव और परिवार वालों के अनुसार वर्ष 2009 में वह घर से ससुराल के लिए निकला था। बक्सर से आरा जाने के लिए उसे ट्रेन पकड़नी थी। शायद वहां से गलत ट्रेन पर बैठा और पंजाब चला गया। वहीं से भटकते हुए पाकिस्तान गया और जेल में बंद कर दिया। पिछले वर्ष दिसम्बर में पाकिस्तान की सरकार ने भारतीय विदेश मंत्रालय को उसकी सूचना दी थी। उसने अपने पिता, गांव और जिला का नाम बताया गया। वहां से सत्यापन कर विदेश मंत्रालय को सूचना दी गई। इस तरह चार महिने की कागजी कार्रवाई के बाद वह घर वापस लौट सका है।

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