-सीताराम संग्रहालय दे रहा है बच्चों की सीख
बक्सर खबर। पुरातत्वविद् डॉ शिव कुमार मिश्र के अनुसार संग्रहालय अतीत का दर्पण होता है। इसी दर्पण में गुरूवार को ( सीताराम उपाध्याय संग्रहालय) में स्कूली बच्चों ने अपनी विरासत को देखा और जाना। बच्चों ने संग्रहालय की धरोहरों का गंभीरता से अवलोकन किया। चौसा की उत्खनन से प्राप्त दुर्लभ मृण्मूर्तियों से तत्कालीन समाज के शिल्पकारों की कुशलता को बच्चों ने देखा। संग्रहालयाध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र ने संग्रहालय की धरोहर को अवलोकन करने आए स्कूली बच्चों को अपनी विरासत के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
उन्होंने कहा कि अपने पुरखों द्वारा उपयोग किए गए वस्तुओं का यहां संग्रह है। जिसे देखने एवं उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने से अपने अतीत को जान सकते हैं। बक्सर एवं भोजपुर जिले की कुछ देवी देवताओं की मूर्तियों की फोटो दिखाकर बताया कि प्राचीन मूर्तियों पर पानी, सिंदूर एवं अन्य चढ़ावों से मूर्तियों में किस तरह से क्षरण हो रहा है। जबकि देवढ़ियां के सूर्य मंदिर की मूर्तियां पूर्णतया स्वच्छ है तथा अच्छी स्थिति में हैं। इसलिए देवी देवताओं को दूर से ही प्रणाम किया जाना चाहिए। अन्यथा उन पर पानी, सिंदूर आदि चढ़ाने से हम उन्हें नष्ट ही करते हैं।
संग्रहालय के इंटर्न प्रधूमन नामदेव ने संग्रहालय में संगृहीत प्रत्येक पुरावशेषों एवं कला वस्तुओं से बच्चों को परिचय कराया। रेड वूड्स ग्लोबल स्कूल के 87 बच्चों के साथ-साथ शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने कार्यक्रम में भाग लिया। इनमें चंदन राय, अभिशेष दूबे, अन्जनी राय, अंकुर कुमार, प्रीति कुमारी, भारती पाठक, कुंदन सिंह आदि प्रमुख थे। संग्रहालय के अनिकेत कुमार, रामरुप ठाकुर, अभिशेष चौबे, अभिनंदन कुमार सहित अन्य कर्मचारियों ने संग्रहालय परिभ्रमण के लिए आगंतुकों का सहयोग किया।