-चौसा के प्रभावित किसानों को मुआवजा व न्याय दिलाने की कही बात
बक्सर खबर। चौसा थर्मल पावर से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा मिले। उनके साथ मारपीट करने वाले दोषी पुलिस कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों को दंड मिले। जैसी मांगे के साथ बुधवार को जिला मुख्यालय पर संयुक्त किसान मोर्चा और भाकपा, माले के लोगों ने आक्रोश मार्च निकाला। शहर के किला मैदान से लेकर समाहरणालय तक इन लोगों ने प्रदर्शन किया। समाहरणाय पहुंचने पर वहां डीडीसी से मिलकर शिष्टमंडल ने छह सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। इसको लेकर जारी प्रेस बयान में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हम प्रशासन को खुली चुनौती देते हैं। बिहार में विकास के नाम पर धड़ल्ले से कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।
इसका विरोध कर रहे चौसा के आन्दोलनकारी किसानों पर हिंसक हमला किया गया। प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे। “जबरन भूमि अधिग्रहण नहीं चलेगा!”, “विकास योजनाओं के नाम पर कृषि भूमि की लूट बंद करो!”, “चौसा के किसानों पर हिंसक दमन क्यों? नीतीश सरकार जवाब दो!”, “जन आंदोलनों पर पुलिसिया दमन बंद करो!”, “कृषि भूमि संरक्षण कानून बनाओ!”, “जल-जंगल-जमीन की लूट बंद करो!”, “आंदोलनकारी किसानों पर लादे गए मुकदमे वापस लो!”, “गिरफ्तार किसानों को रिहा करो!” प्रदर्शन के पूर्व किला मैदान में सभा की गई। जिसकी अध्यक्षता तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने की जिसमें अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह, बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव विनोद कुमार और अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के प्रांतीय सचिव अशोक बैठा शामिल थे।
सभा को अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव बीजू कृष्णन, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय संगठन सचिव और आरा के सांसद सुदामा प्रसाद, क्रांतिकारी किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दर्शन पाल , अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा की बिहार इकाई के सचिव अशोक बैठा, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता रामदेव सिंह यादव, बिहार राज्य किसान सभा के नेता सत्तार अंसारी, किसान एकता मंच (धनरूआ, पटना) के नेता उमेश शर्मा, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के नेता रामचन्द्र सिंह, भूमि अधिग्रहण विरोधी आन्दोलन (धनरूआ) के नेता मनीष कुमार, चौसा किसान आन्दोलन के नेता रामप्रवेश यादव, बिहार किसान समिति के नेता पुकार, ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के प्रांतीय सचिव मंडल के सदस्य इन्द्रदेव राय और क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता मनोज कुमार, जय किसान आन्दोलन के नेता जानकी पासवान तथा डुमरांव के विधायक अजित कुमार सिंह ने सम्बोधित किया।
छह सूत्री मांग पत्र के बिंदु
1. 20 मार्च, 2024 के चौसा पुलिस दमन कांड के पूरे मामले की जांच एक उच्च स्तरीय न्यायिक समिति से कराई जाए। पुलिस दमन में शरीक बक्सर जिला के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को दंडित किया जाए।
2. कैग की रिपोर्ट में बक्सर के जिन अधिकारियों पर उंगली उठाई गई है, उनको तत्काल निलंबित किया जाए।
3. जिन किसानों पर फर्जी मामले दायर करके उन्हें जेल में बंद कर दिया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। किसानों के ऊपर दायर मामले वापस लिए जाएं। पुलिस दमन के दौरान किसानों को हुई जान-माल की क्षति के लिए अविलम्ब समुचित मुआवजा दिया जाए।
4.अपने ऊपर हुए दमन के खिलाफ कोर्ट गये किसानों पर मुकदमा वापस लेने के लिए पुलिस-प्रशासन किसानों को धमकाना व उनपर दबाव बनाना बंद करे।
5. भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 के प्रावधानों का उल्लंघन कर कृषि भूमि के जबरन भूमि अधिग्रहण पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
6. बिहार में पुनर्वास और पुनर्स्थापन को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं है, जिसके चलते इस मामले में हर जगह अनदेखी की जा रही है। इसलिए राज्य में पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन को लेकर स्पष्ट नीति बनायी जाए और उसे सख्ती से लागू किया जाए।
हस्ताक्षरित
उमेश सिंह, विनोद कुमार, अशोक बैठा, पुकार, इन्द्रदेव राय, उमेश शर्मा, जानकी पासवान, रामचन्द्र सिंह, मनोज कुमार