बक्सर खबर। बक्सर की देश में अलग पहचान है। यहां हमेशा लोगों का आना-जाना लगा रहता है। धार्मिक नगरी होने के कारण बिहार में बक्सर की अपनी अलग पहचान हैं। तो हम सबकी यह जिम्मेवारी बनती है इस शहर को वह स्वरुप दिया जाए। जिससे यह खूबसूरत दिखे, स्वच्छ दिखे। यह तभी संभव है जब हम आप सभी लोग मिलकर इसको बेहतर बनाने का प्रयास करें। यह बातें सदर एसडीओ के के उपाध्याय ने मंगलवार को बैठक के दौरान कहीं।
उन्होंने रेडक्रास भवन के सभागार में शहर के सभी वार्ड सदस्यों, मुख्य पार्षद, नगर परिषद पदाधिकारी, परिवहन पदाधिकारी आदि को आमंत्रित किया था। सभी से यह राय मांगी गई। क्या होना चाहिए, आप सभी की प्रशासन से क्या अपेक्षा है। अपने सुझाव आप दें जिस पर प्रशासन कार्य करे। आप सभी इस शहर के जिम्मेवार लोग हैं। इसलिए आपकी जिम्मेवारी बनती है इसे बेहतर बनाने में आप योगदान करें।
बैठक में शहर के व्यवसायियों, होटल मालिक आदि सभी को आमंत्रित किया गया था। एसडीओ ने बार-बार सभी को इसका एहसास कराया। यह शहर आपका है। इसको बेहतर तभी बनाया जा सकता है जब आप सहयोग करें। आज ट्रैफिक समस्या हर शहर की परेशानी है। आवागमन को कैसे बेहतर बनाया जाए। बैठक में शामिल वार्ड सदस्यों ने कुछ समस्याएं गिनाई। लेकिन शहर के लिए मास्टर प्लान एवं कुछ खास करने का सुझाव सामने नहीं आया। एसडीओ ने सभी से कहा आप का सहयोग बहुत जरुरी है। आगे भी हम सभी एक साथ बैठेंगे। इस विश्वास के साथ बैठक समाप्त हुई।
यहां बता दें कि सोमवार को सदर एसडीओ ने रामरेखा घाट पर स्थानीय पुजारी, दुकानदार, गंगा आरती समिति के सदस्यों के साथ बैठक की थी। जिससे घाट की व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके। अपने पन्द्रह दिन के कार्यकाल में दो बार शहर के लिए बैठक कर चुके एसडीओ इस प्रयास में लगे हैं। बक्सर के लिए कुछ बेहतर किया जाए। वे अपने प्रयास में कितने सफल होते हैं। यह जन सहयोग पर ही निर्भर करता है।
मुझे बुलाया गया होता तो मैं पूरा प्लान ही बताता वो भी समाज के लोगों के टीम वर्क मैनेजमेंट के तहत ही ।
जैसे-:
१- गीला सूखा कूड़ा निस्तारण की मशीन प्रशासन उपलब्ध कराये ।
२- सीवर का पानी शुद्ध करने की जरूरत है उसके उपकरण लगाए जायें जिससे गंगा भी शुद्ध हो खेतों के लिए जैविक खाद भी मिले ।
३- शहर में से सभी ट्रांसपोर्ट के गोदामों को चिन्हित कर उन्हें शहर के बाहर ही कहीं जाने को कहा जाय ।
४- शहर में भूमी-भवन-कर को अप-टू-डेट किया जाय ।
५- जिन मकानों से मकान मालिक को व्यापार या किराए से आय हो तो उनके मकान से कामर्शियल बिंल्डिंग के तहत टैक्स वसूली हो ।
६- रोड नालियों की सही व्यवस्था की जाय ।
७- वनवे और नो इंट्री का सख्ती से पालन ।
८- प्रत्येक सीजन में साल भर तक के जितने भी वेंडर रोड पर घूमते हैं उनके आधार कार्ड के जरिए एक रजिस्ट्रेशन हो जिससे कि शहर में ही कहीं जगह की तलाश कर उन्हें उनके लिए एक दुकान दी जा सके।
९- पुरुष महिला मुत्रालय की हर एक ५० मीटर पर पानी सहित नित्य स्वक्ष व्यवस्था की जाय।
१०- उन शौचालयों पर दोनो तरफ विपरीत दिशाओं के cctv camera भी लगाया जाय जिससे कि किसी महिला के साथ कोई अप्रिय घटना न हो ।
११- स्ट्रीट लाइट हर १५ मीटर पर दोनो तरफ ।
१२- जिनके नये घर मकान बन रहें हों या जिर्णोद्धार हो रहा हो बालू गिट्टी की रखने की सही जानकारी दी जा सकती है जिससे किसी राह चलते को कष्ट न हो, पुराने घरों के मलबा का भूस्वामी द्वारा उसी दिन निस्तारण हो ।
१३- यहां की जनता को यातायात के नियमों का पालन करने हरेक सीख दी जाती रहनी चाहिए।
१४- नगर के वार्डों पानी की पाइपलाइन द्वारा प्रत्येक घर में नए कनेक्शन दिए जायें और नगर में भूजल स्तर की जांच कर के गैर कानूनी तरीके से घरेलू पंप जब्त किए जायें ।
१५- गीले सूखे कूड़े का कूड़ादान वितरण
उनके निस्तारण की गाड़ियां हों।
१६- नगर के पुराने, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के जितने भी सरोवर हैं उनके किनारों की मरम्मत पक्कीकरण करवाया जाय जिससे कि भूजल स्तर सामान्य रहे उनके किनारों पर फलदार वृक्ष को लगाया जाय।
१७- बंदर, अवाराकुत्ते अवारा पशुओं की यथायोग्य व्यवस्था हो ।
बाकी की चीजें मिलने पर और भी बहुत कुछ है जो लिखना शेष है ।