‌‌‌ थर्मल पावर के गेट पर पुलिस व किसानों में झड़प

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– पथराव से वाहनों के शीशे टूटे, कई लोग घायल
बक्सर खबर। चौसा में बन रहे थर्मल पावर के गेट पर धरना दे रहे किसानों की उग्र भीड़ ने पुलिस व प्रशासन के वाहनों पर पथराव किया। दोनों तरफ से लाड़ियां चली। जिसमें कई लोगों को चोटें आई हैं। वहीं धरने पर डटे किसान व मजदूर टोली के द्वारा किए गए पथराव के कारण पुलिस के कई वाहनों के शीशे टूट गए हैं। कुछ किसानों और पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। यह वाकया दोपहर एक बजे के लगभग का है। जब प्रशासन की टीम वहां मौके पर धरना दे रहे किसानों को समझाने पहुंची। आप लोग यहां से हट जाएं। आदर्श आचार संहिता लग चुकी है। किसी भी जगह धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। बात यहां से शुरू हुई और आगे बढ़ती गई।

पुलिस की तरफ से लाठी पार्टी सामने आई। धरना दे रहे लोगों ने महिलाओं को आगे किया। फिर गाली गलौज शुरू हुआ और पथराव। भीड़ के हमले से बचने के लिए पुलिस की टीम वहां से अपना बचाव करते हुए सुरक्षित स्थान पर पहुंची। फिलहाल बड़ी संख्या में पुलिस टीम को वहां एकत्र किया जा रहा है। सूचना है कि पुलिस कर्मियों के अलावा किसानों को भी चोटें आई हैं। हालांकि दोनों तरफ से किसी का स्पष्ट बयान नहीं आ रहा है। इससे पहले हुई सभी बैठकें बेनतीजा रही हैं। दूसरी तरफ न्यायालय ने भी निर्देश दे रखा है। जिसमें काम को प्रभावित न करने की हिदायत दी गई है। और दूसरी तरफ किसानों का रुख है कि काम रोके रखे तो तभी समस्या का समाधान निकलेगा।

-लोगों से धरना स्थल पर डटे रहने का अनुरोध करते प्रदर्शनकारी नेता रामप्रवेश यादव

इस धरने की मुख्य मांग यह है कि थर्मल तक आने वाली रेल लाइन और वाटर पाइप लाइन के लिए जो भूमि अधिग्रहित की जा रही है। उसका मूल्य बढ़ाया जाए। वह दर बहुत पुरानी है। लेकिन, लगभग 17 माह से चल रहा धरना लंबा होता गया और उनकी मांगे भी। कुछ दिन पूर्व किसान धरना स्थल से उठकर मेन गेट के सामने आ गए। और थर्मल के रास्ते को बंद कर दिया गया। इसी वजह से विवाद इस मोड़ तक पहुंच गया है। इस झड़प में ज्यादा घायल महिलाएं हैं। जिन्हें धरना देने वालों ने आगे कर दिया था। फिलहाल तनाव बढ़ता जा रहा है। प्रशासनिक सूचना के अनुसार मौके पर आईजी और डीआईजी स्तर के अधिकारी भी पहुंचने वाले हैं।

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