मजबूरों की आवाज बने कलम के सिपाही : अमरनाथ केसरी

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बक्सर खबर। पत्रकार समाज के लिए लडऩे वाले सिपाही हैं। मेरा मानना है हमें जाति, धर्म से उपर उठकर मजबूरों की आवाज बनना चाहिए। मैं इसका पक्षधर हूं और हमेशा इसी को ध्यान में रखकर लिखता हूं। यह बातें प्रभात खबर के संवाददाता अमरनाथ केशरी ने कहीं। रविवार को अपने साप्ताहिक कालम इनसे मिलिए के लिए बक्सर खबर ने उनसे संपर्क साधा। पत्रकारिता से जुड़े केशरी से लंबी बातचीत हुई। उनका खुद का जीवन भी बहुत उतार चढ़ाव के दौर से गुजारा है। लेकिन, जिंदादिल इंसान होने कारण वे समस्याओं को जीवन का हिस्सा मानते हैं। अपने जीवन में समाज सेवा, राजनीति एवं पत्रकारिता का अनुभव रखने वाले अमरनाथ आज भी डुमरांव रेडक्रास सोसाइटी के कोषाध्यक्ष हैं। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के कुछ मुख्य अंश –

पत्रकारिता का सफर
बक्सर। अमरनाथ केसरी का पत्रकारिता से गहरा नाता है। वे बताते हैं 1987 में मैंने इंटर की परीक्षा पास की। उस समय डुमरांव के वरिष्ठ पत्रकार शिवजी पाठक बाबा टाइम्स पत्रिका निकालते थे। मैंने उनके साथ काम किया। इस बीच शिक्षा भी चलती रही। जैन कालेज आरा से मैंने एमए तक की पढ़ाई की। मेरा मन हमेशा से समाज सेवा में लगा रहा। कुछ युवाओं के साथ मिलकर डुमरांव में युवा नीति संगठन की नीव रखी। 1985 से 92 तक मैंने बतौर अध्यक्ष उस संगठन के लिए काम किया।

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गरीब बच्चों के बीच पर्व त्योहार के मौके पर मिठाई, पाठ्य सामग्री, होली जैसे मौके पर रंग, कपड़े आदि का वितरण करते रहे। इस बीच मैंने 1989 में पटना से प्रकाशित होने वाले अमृत वर्षा के लिए काम किया। फिर एक वर्ष तक हिंदुस्तान अखबार और फिर लगभग दस वर्ष तक नवभारत टाइम्स से जुड़ा रहा। लेकिन डुमरांव से रिश्ता बना रहा। अखबार छूटा तो मैंने जदयू की सदस्यता ली। प्रदेश महासचिव रहा। लेकिन पुन: प्रभात खबर के लिए काम करना शुरु किया। राजनीति से सन्यास लिया और अब डुमरांव से प्रभात खबर के लिए लिखता हूं। यहां भी सात-आठ वर्ष का समय काम करते गुजर गया है।
व्यक्तिगत जीवन
बक्सर। अमर केशरी डुमरांव निवासी बिहारी लाल केशरी के पुत्र हैं। डुमरांव गोला रोड में इनका घर है। 5 नवम्बर 1972 को इनका जन्म हुआ। 30 अप्रैल 1994 को शादी हुई। अब वे दो बच्चों के पिता हैं। पत्रकारिता के अलावा समाज सेवा से उनका गहरा रिश्ता रहा है। वे वर्तमान समय में पीडि़त मानवता के लिए कार्य करने वाली विश्व की सबसे बड़ी संस्था रेडक्रास के लिए काम करते हैं। लंबे समय से रेडक्रास सोसाइटी के कोषाध्यक्ष भी हैं।

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