संविधान बचाने निकले तेजस्वी ने स्वयं किया लोकतंत्र का अपमान : करतार

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बक्सर खबर। निकले थे संविधान बचाने। क्योंकि वह खतरे में था। लेकिन स्वयं ही लोकतंत्र के महापर्व में किनारे हो गए। क्या यह लोकतंत्र का अपमान नहीं है। यह बातें डुमरांव विधायक ददन यादव के पुत्र करतार यादव ने कहीं। वे राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा लोकसभा चुनाव में मतदान न किए जाने पर तंज कस रहे थे। उनके अनुसार लोकतंत्र का इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है। कतरतार ने कहा कि इनका पूरा परिवार सिर्फ लूट-खसोट की राजनीति में विश्वास रखता है।

अगर लालू जी संविधान और लोकतंत्र की जरा सी फिक्र होती तो चारा घोटाला न होता। न वे आज जेल में जाते। तेजस्वी का मतदान न करना बताता है कि वह कितने लोकतंत्र के प्रहरी है। आज के दिन दर्जनों मजदूरी करने वाले युवक दिल्ली व अन्य राज्यों से आकर मतदान में हिस्सा लेकर सम्मान बढ़ा रहे है। परन्तु तेजस्वी ने भारत के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी महापर्व के दौरान मतदान न कर बता दिए है कि कितने लोकतंत्र के सजग प्रहरी है। तेजस्वी का यह कदम बता रहा है कि उनकी पार्टी बिहार में अपनी हार मान चुकी है।

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