-युवा नेता नेता ने उठाया मुद्दा तो कुछ करने लगे व्यंग, भड़क गया मामला
बक्सर खबर। किला मैदान में रविवार को पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह व लवली आनंद का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इसका आयोजन फ्रैंड ऑप आनंद एवं चंद्रशेखर फाउंडेशन द्वारा किया गया था। लेकिन, यह कार्यक्रम डुमरांव के दिवंगत महाराज कमल सिंह के नाम के कारण चर्चा में आ गया। एक युवा नेता ने यह मुद्दा उठाया कि यहां जमावड़ा हुआ है। खास लोगों का और राजनीतिक सम्मान की बात हो रही है।
लेकिन, सच तो यह है कि डुमरांव में महाराज की प्रतिमा लगी है। और उसका अनावरण नहीं हो रहा है। यह विषय पटना में उठना चाहिए और नीतीश के हाथों इसका लोकार्पण होना चाहिए। इसी दौरान कुछ लोगों ने यह कहकर विवाद बढ़ा दिया है कि डुमरांव के ही रहने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह हैं। और आपके ही गांव के हैं। उनसे ही यह पहल क्यों नहीं करवाते हैं। बात यहीं से भड़की और व्यंग तु-तु मैं-मैं और हाथापाई तक पहुंच गया।
हालांकि जैसे ही वहां मौजूद मीडिया के लोगों ने वीडियो बनाना शुरू किया। विवाद थम गया। उस वक्त आनंद मोहन व उनके कारखास भी मंच पर ही मौजूद थे। कार्यक्रम जातीय गोलबंदी के लिए किया था। और उसी दौरान उठा यह सवाल बहुत लोगों को चुभ गया। क्योंकि यह सवाल था ही तीखा। सवाल खड़ा करने वाले सामाजिक नेता ने कहा सरकार के स्तर से ही महाराज की प्रतिमा बनवाई गई है। क्योंकि उन्होंने जिले के लिए जो किया है और समाज को दिया है। उसे कभी भूलाया नहीं जा सकता। बावजूद इसके कुछ लोगों द्वारा की गई राजनीतिक साजिश के कारण प्रतिमा का अनावरण ही रोक दिया गया है।