-वरीय अधिकारियों ने कहा, शिकायत मिली तो होगी कार्रवाई
बक्सर खबर। सारे के सारे कमाने के चक्कर में लगे हैं। जो विभाग शिक्षा देने के लिए बना है। वह भ्रष्टाचार में लिप्त है। ऐसी शिकायत मिल रहीं हैं। ताजा प्रकरण सदर प्रखंड का है। जहां स्कूलों में इन दिनों चावल का वितरण हो रहा है। यह चावल मध्याह्न भोजन योजना का है। जिसे छात्रों के बीच वितरित किया जाना है। लेकिन, गोदाम से स्कूल तक चावल जाने के क्रम में ही वसूली का कारोबार शुरू हो गया है।
सदर प्रखंड के कई स्कूलों से ऐसी शिकायत मिल रही है। वैसे कम चावल की शिकायत पहले भी मिलती रही है।। लेकिन,यह अपने आप में नया मामला है। पहले संवेदक चाल पहुंचाते थे। अब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से इसका वितरण कराया जा रहा है। जो खर्च लिया जा रहा है। उसकी राशि भी सौ दो सौ नहीं हजारों में है। कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं। जिन्होंने चावल लेने से ही मना कर दिया। तो उन्हें प्राथमिकी दर्ज कराने की धमकी भी मिली। शिक्षक भयभीत हैं। करें क्या, बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन।
इसकी शिकायत जब शिक्षकों ने मीडिया से की तो मध्यान भोजन के कार्यक्रम पदाधिकारी सुधीर रंजन से पूछा गया। उनका जवाब था। प्रधानाध्यापकों से ऐसा कोई खर्च नहीं लिया जाना है। अगर ट्रांसपोर्टिंग चार्ज वसूलने की शिकायत मिलती है तो इसकी जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं सूत्रों का कहना है। सरकार लॉकडाउन के दौरान बंद रहे चार माह के चावल का वितरण करा रही है। जिससे लोगों में उत्साह बना रहे। वे सरकारी स्कूलों से विमुख नहीं हो। दूसरी तरफ अधिकारी अवसर का लाभ उठा ऐसी हरकत कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग के नीचे से उपर तक सभी भ्रष्ट भरे हुए है।