बक्सर खबर। जिलाधिकारी राघवेन्द्र सिंह बुधवार को डुमरांव पहुंचे। उन्होंने नगर की समस्याओं को सुनने और समझने के लिए प्रशासनिक और जन प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक बुलायी। पार्षदों ने उनके समक्ष तीन समस्याएं रखी। पहला हर वार्ड में इन दिनों पेंशन का झाम फंसा है। लोग अपना-अपना आवेदन लेकर दौड़ रहे हैं। हमारा पेंशन बंद हो गया है। मेरा आवेदन जमा नहीं हुआ। इसे दूर किया जाए। समस्या नंबर दो-पेयजल। जिसके लिए हर जगह मारा-मारी है। बढ़ती आबादी के बीच पानी की जरुरत सभी को सता रही है। समस्या नंबर तीन। शहर का जाम, इसका स्थायी निदान होना चाहिए। चाहे मेन रोड हो या गोला रोड। लोगों का आना-जाना मुश्किल है।
इन सभी समस्याओं को जिलाधिकारी ने ध्यान पूर्वक सूना। जिनका निदान तत्काल संभव था। उसके लिए नगर परिषद और सीओ को आवश्यक निर्देश दिए। पेयजल के लिए भी संबंधित अधिकारियों को डांट लगायी गयी। सरकार की महत्वपूर्ण नल-जल योजना को यहां व्यापक स्वरुप देने की बात कही। रह गई जाम की समस्या। बैठक में मौजूद किसी भी जन प्रतिनिधि ने सड़क का ठेला और दुकान का तंबू हटाए जाने की जायज वकालत नहीं की। जिनका घर मुख्य पथों से लगा है। उनकी पैमाइस हो और उन्हें तोड़ दिया जाए। इसकी तो चर्चा नहीं हुई, सिर्फ प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। यहीं तक बात सीमित रह गई। जिससे यह स्पष्ट हो गया कि फिलहाल डुमरांव का जाम की समस्या से निजात दिलाना संभव नहीं होगा। अलबत्ता बाइपास के निर्माण की बात जरुर कही और सूनी गयी। लेकिन फिलहाल उसका निर्माण कागजी फाइलों तक ही सीमित है। डीएम ने कहा पानी के लिए जल परिषद से बात की जाएगी। पेंशन के लिए राहत एक और राहत शिविर लगाया जाएगा। लेकिन वह अंतिम होगा। अगर इससे भी कोई बच गया तो इसके लिए अधिकारी जिम्मेवारी होगी। सेन्ट्रल नाला की सफाई और जाम की समस्या के बाबत उन्होंने आवश्यक निर्देश दिए और टेंडर कराने की बात कही गयी। बाइपास रोड के लिए महरौरा का विरोध है। इस लिए ढ़काईच के रुट पर विचार किया जाएगा।