बक्सर खबर। न्यायालय में काम करने वलो कर्मचारियों का इन दिनों बुरा हाल है। वे दूसरों को न्याय दिलाने की मुख्य कड़ी हैं। लेकिन व खुद का दर्द नहीं सुना सकते। उनका दर्द है कि आज वे दाने-दाने को मोहताज हैं। क्योंकि अल्प वेतन भोगी अधिकांश कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला। इसकी वजह से उनके जीवन यापन में बहुत से परेशानियां आ खड़ी हुई हैं। काम का बोझ बढ़ने से परेशान कर्मचारी अपने कलेजे में बेपनाह दर्द लिए बैठे हैं।
अवसादपूर्ण कार्यस्थल
बक्सर खबर। यहां के व्यवहार न्यायालय में काम करने वाले कर्मचारी ने बताया न्यायालय कर्मियों के लिये यातनास्थल से कम नहीं है। ब्रिटिश काल की न्यायिक व्यवस्था में हर न्यायालय में आज भी एक ही पेशकार और कार्यालय लिपिक कार्य करते है। जो अंगरेज के ज़माने से चला आ रहा है। लेकिन आज न्यायालय पर काम का बोझ बेतरतीब ढंग से बढ़ा है। अब अधिकांश न्यायिक अधिकारी को दीवानी वाद के साथ आपराधिक वाद भी देखना पड़ता हैं। जिसका खामियाजा न्यायिक कर्मचारियों को भुगतना पड़ता हैं। काम के दबाब और अर्धसामंती न्यायालीय व्यवस्था में कर्मचारी अवसाद के शिकार हो गए हैं। सभी कर्मचारियों को आंख पर चश्मा चढ़ गया है। इनमें उच्च रक्तचाप की बीमारी आम हो गयी है। ऐसे में वेतन न मिलने से उनके सामने कई संकट आ खड़े हुए हैं। कर्मियों का कहना है। सरकार भी हमारे साथ भेदभाव करती है। पदाधिकारियों को वेतन समय से मिल जाता है। कर्मचारियों के भुगतान का यह हाल है।