‌‌‌जवही-जगदीशपुर में हो रहा है क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन

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बक्सर खबर। ब्रह्मपुर प्रखंड के जवही-जगदीशपुर गांव में 7 फरवरी से क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है। गणपत लाल चकनी उच्च विद्यालय का निर्माण कर्ता के सौजन्य से इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। प्रतियोगिता के लिए क्रिकेट क्लब चलाने वाले लोगों को आमंत्रित किया गया है।

सूचना के अनुसार प्रत्येक मैच 16 ओवर का होगा। फाइनल मैच 20 ओवर का होगा। विजेता को 11 हजार रुपये इनाम स्वरुप दिए जाएंगे। इसमें भाग लेनी वाली टीम को 2100 रुपये प्रवेश शुल्क देना होगा। सभी मैच पावर प्ले के होंगे।

2 COMMENTS

  1. इस स्कूल के निर्माण कर्ता तो हमारे परदादा श्री गणपति सहाय थे। उनके दो पुत्र, पांच पौत्र, आठ प्रपौत्र हैं। बड़े पुत्र जगतानंद सहाय शाहाबाद क्षेत्र के प्रसिद्ध सरकारी वकील थे और दूसरे हृदयानंद सहाय विख्यात विधिवेत्ता थे। उनके पांच पौत्रों में से दो उद्योग पति , एक सरकारी वकील,एक मेडिकल स्टोर संचालक, एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्रबंधक रहे।
    उनके आठ प्रपौत्रों में से दो उद्योगपति हैं, तीन विदेशों में वर्षों से कार्यरत हैं।एक बिजली विभाग में उच्च पद पर आसीन है।
    दो अभी छोटे हैं।
    मगर हास्यास्पद यह है कि हमें क्रिकेट में कोई रुचि नहीं थी।
    फिर भी हमारा कोई वंशज होने का दावा करे तो अजीब है।
    स्कूल के निर्माण केवल भूमि देने से नहीं हुआ। बल्कि इसके संचालन के लिए आठ बीघा सिंचित कृषि भूमि भी दान की गई थी। जिसपर भू-माफिया काफी नजर गड़ाए हुए हैं।
    इस स्कूल को हम दुबारा गोद लेकर सुधार देंगे।
    जैसा कि बाबा और छोटे बाबा की धर्मशालाओं और तालाबों का किया है।
    We will complete further tasks for the development of this school and its playground.
    My Grandpa always denied to see the school.
    They forbid us to go there.
    I want to know the reason Why?
    Is something else wrong there?
    So what are circumstances upon which they forbidden us to go that village.
    Today feeling better to see the school news

  2. स्कूल के निर्माण कर्ता हमारे परदादाश्री गणपति सहाय के दो पुत्र थे। पांच पौत्र आठ प्रपौत्र हैं। जिनमें से अधिकांश प्रवासी भारतीय हैं, उद्योग पति और उच्चाधिकारी रहे हैं।
    हमें क्रिकेट से कोई लगाव नहीं है।
    स्कूल के निर्माण कर्ता होने का दावा करने वाले यदि वहां कुछ विकास करा दें तो बढ़िया होगा।
    वैसे यह हमारे रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है कि स्कूल के बढ़िया रखरखाव के लिए आठ बीघा कृषि भूमि भी दान हुई थी जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। तब से हमारे दादा ने उस गांव में आना छोड़ दिया।
    उसके बाद पहली बार गूगल पर इस स्कूल का न्यूज देखकर भतीजा बोला
    chachu , it is not an story , it really exists.
    We come forward to develop this school.
    It’s our duty.
    I replied
    It is very unsafe to go there my boy. Take a cup of Brandy and go asleep.here weather doesn’t suit you.
    Good night.
    Next time we will go to school to see what a rubbish is going on

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