बक्सर खबर। सोहनपट्टी और खलासी मुहल्ला का इलाका। अपराध की दुनिया में पहले भी चर्चा का केन्द्र रहा है। इस माह शहर में हुई लूट की दो बड़ी वारदातें भी उसी तरफ इशारा कर रही हैं। योगेन्द्र इंडेन गैस एजेंसी चीनी मिल के संचालक मृत्युंजय के साथ जो घटना रविवार की शाम हुई। उसे अंजाम देने वाले अपराधियों की संख्या तीन थी। जो सफेद रंग की अपाची बाइक पर सवार थे। लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद वे सोहनीपट्टी की तरफ भाग गए। रकम मोटी थी, पुलिस ने जांच शुरू की मगर उसके हाथ कुछ नहीं लगा। लेकिन, यह सच है। दिन हो या रात। ऐसे युवक बाइपास रोड, ज्योति चौक और स्टेशन में अक्सर देखे जाते हैं। जिनका आचरण संदिग्ध होता है।
लगभग दो सप्ताह पहले बसांव मठ के सामने मुख्य पथ पर कलेक्शन एजेंट के साथ लूट हुई। वह तो भरी दोपहरी में नगर भवन के सामने से ई रिक्शा में सवार होकर शहर के लिए चला था। लेकिन, उसे भी तीन अपराधियों ने इसी अंदाज में लूट लिया। उसके पास भी पौने तीन लाख रुपये थे। वे भी लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद ज्योति प्रकाश पुस्तकालय के सामने वाली गली में भागे थे। जो रास्ता खलासी मुहल्ला से लगा है। अर्थात शहर में हो रही घटनाओं के पीछे यहां के किसी ने किसी पुराने अपराधी का हाथ है। लूट के पहले रुपये के उठाव की पुख्ता जानकारी सबके पास नहीं होती। कोई न कोई ऐसा है। जो कैश लेकर बैंक जाने वालों की रेकिंग कर रहा है। पुलिस जांच में जुटी है। क्या सामने आता है। तो आने वाला समय बताएगा। लेकिन, घटना के चश्मदीद अगर सच बताने से दूर भागते रहे। तो सच्चाई पता लगने में बहुत वक्त लगेगा। ऐसी घटनाओं में पुलिस को खिंचाई होती है। लेकिन, ऐसे अपराधियों को संरक्षण देने वाले भी कम दोषी नहीं है।