बक्सर की संस्कृति और विरासत को संभालेगा विश्वामित्र फाउंडेशन 

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विकास के नाम पर हमेशा साजिशें रची गई                                             बक्सर खबर। आयातित जनप्रतिनिधियों ने विकास के नाम पर हमेशा साजिशें रची और जिला को विकास की गंगा से कोसों दूर रखा। बक्सर की संस्कृति और विरासत को अब खतरा है। महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन का मूल उद्देश्य ही है कि बक्सर की संस्कृति और विरासत को संजोना। इसके लिए फाउंडेशन प्रयासरत हैं। जिले के सभी सांस्कृतिक स्थलों के पास आश्रम निर्माण की मांग सरकार से की। उक्त बातें महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने दरहपुर गांव के समीप एनएच 922 स्थित एक रेस्टोरेंट परिसर में गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कहीं।

उन्होंने कहा कि विरासत और संस्कृति बचाने की लड़ाई सिर्फ हमारी नहीं बल्कि पूरे बक्सर वासियों के स्वाभिमान के लिए लड़ रहे हैं। जिला जब नेतृत्व विहीन है तो इसका सांस्कृतिक विकास कैसे संभव है। यहां जो भी आता अपना पेट भरता है। बाहर से आये लोग यहां के लिए कुछ नहीं करते। कोई पूछने वाला नहीं की यहां क्या हो रहा। विकास के नाम पर हमेशा साजिशें रची गई। ऐसे ही नेतृत्वकर्ताओं की वजह से अभी तक सांस्कृतिक विकास नहीं हो पाया। छह वर्षों से फाउंडेशन के द्वारा जिला में कार्यरत हैं, फिलहाल मेरी कोई राजनीतिक इच्छा नहीं है। सभी पार्टी के लोगों ने बक्सर को छला है। धार्मिक स्थलों के समीप खुले में मांस बिक रहा है जो सही नहीं है। रामजन्म भूमि अयोध्या के तर्ज पर श्रीराम कर्म भूमि बक्सर का विकास करना चाहते हैं। मौके पर शाहाबाद संयोजक रविराज, राष्ट्रीय मिडिया कार्डिनेटर अशोक , अभिषेक राय, अनिल राय, अभिमन्यु राय उपस्थित थे।

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