बक्सर खबर : पुलिस के उपर भेदभाव व भ्रष्टाचार के आरोप लगना नई बात नहीं। जिस जिले में विकलांग जेल भेजा जाता हो। वहां कुर्की का वारंट जारी होने बाद भी पुलिस कार्रवाई न करे तो आरोप लगना क्या लाजमी नहीं है। जी हां खबर का केन्द्र औद्योगिक थाने का चुरामनपुर गांव है। जहां के धनजी पांडेय ने अपने उपर हमले की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिन्होंने हमला किया। उनके विरूद्ध पुलिस की जांच में आरोप सही मिला। मुकदमा संख्या 3/17 में वारंट जारी हुआ। गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में कुर्की का वारंट भी जारी हुआ।
वारंट जारी हुए एक दो सप्ताह नहीं महीनों बीत चुके हैं। पुलिस उनके फरार अभियुक्तों को न गिरफ्तार कर पा रही है। न ही न्यायालय के आदेश का तामिला हो रहा है। शिकायत कर्ता का आरोप है। आरोपी अभिषेक गौरव उर्फ बिट्टू पांडेय, शेखर सुमन उर्फ सिट्टू पांडेय व सोनू कुम्हार यह तीनों फरार हैं। वर्ष 2016 में बड़े भाई की हत्या हुई। जिसमें यह आरोपी जमानत हैं। बाहर आते ही पुन: हमले का प्रयास किया। लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। मैंने इसकी सूचना थानाध्यक्ष और पुलिस कप्तान दोनों को दी है।
सवाल यह नहीं है कौन लोग फरार हैं। अगर घटना होती है तो इसका जिम्मेवार कौन होगा। इस संबंध में पूछने पर थानाध्यक्ष औद्योगिक ने कहा आरोपी पक्ष ने डीआइजी को जांच का आवेदन दिया था। वहां से तीन बिंदुओं पर जांच प्रतिवेदन मांगा गया। घटना स्थल से खोखे बरामद हुए थे। क्या घटना में कोई घायल हुआ था। वरीय अधिकारी का आदेश मिलने के कारण कुर्की की कार्रवाई नहीं हुई।