जिलाधिकारी के तेवर से मचा हड़कंप, स्कूल व हास्टल की हुई जांच

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– हर जगह दिखी खामी, लगी संबंधित पदाधिकारियों को फटकार
बक्सर खबर। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के तल्ख तेवर ने अधिकारियों के होश उड़ा दिए। बुधवार की दोपहर वे अचानक राजकीय कल्याण छात्रावास, एमपी हाई स्कूल व केन्द्रीय विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंच गए। एमपी हाई स्कूल में विद्यालय की दशा और छात्रों की कम उपस्थिति देख वे नाराज हुए। दूसरे विद्यालय परिसर में अव्यवस्था व बगैर विभागीय अनुमति के कुछ कमरे पुलिस कर्मियों को दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। शहरी क्षेत्र का विद्यालय होने बाद भी यहां उचित व्यवस्था का अभाव देख उन्होंने प्रधानाध्यापक का वेतन रोकने का निर्देश दिया।

इसी परिसर में केन्द्रीय विद्यालय भी चलता है। वहां की प्राचार्य ने जिलाधिकारी से आग्रह किया। हमें चार कमरों की और आवश्यकता है। डीएम ने निरीक्षण में देखा कि एमपी हाई स्कूल के कई कक्ष उपयोग न होने की स्थिति में खराब हो रहे हैं। निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी भी मौजूद थे। उनको निर्देश दिया गया कि संबंधित विषय पर वे कार्य कर रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को सौंपे। इसके अलावा जिलाधिकारी डॉक्टर भीम राव अंबेडकर छात्रावास कोइरपुरवा भी गए। वहां की स्थिति अनुकूल नहीं थी। छात्र अपने कमरों में खाना बनाते हैं। जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

छात्रावास का निरीक्षण करते जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल

पूर्व में पुराने भवन को देखते हुए इस छात्रावास से ग्यारह नंबर लख के समीप बने छात्रावास में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। मौके पर मौजूद छात्रावास अधीक्षक व प्रखंड कल्याण पदाधिकारी इटाढ़ी को जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि 15 दिन के अंदर इस छात्रावास को तय स्थान पर सिफ्ट करें। छात्रों से डीएम पूछा, आप में से किसी ने जिले के टॉप टेन छात्रों में स्थान बनाया है। क्या कोई सिविल परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ है अथवा तैयारी कर रहा है। लेकिन, इन सवालों का जवाब निराश करने वाला रहा। डीएम ने छात्रावास अधीक्षक को कहा, आप छात्रों का उचित मार्गदर्शन करें।

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