-सरकारी गवाहों का बयान दर्ज न होने पर जताई गई अप्रसन्नता
बक्सर खबर। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को अभियोजन कोषांग की बैठक हुई। इसमें वैसे सरकारी मुकदमों की समीक्षा हुई। जिसका स्पीडी ट्रायल (त्वरित विचारण) किया जाना है। समीक्षा के दौरान कुल 326 मामले सामने आए। माह मार्च में निष्पादित वादों की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया की विभिन्न वाद यथा- पॉक्सों, एन0डी0पी0एस0, शस्त्र वाद में बहुत कम वादों का निष्पादन किया गया है। जिस पर जिला पदाधिकारी द्वारा खेद व्यक्त करते हुए सभी सहायक सरकारी वकील/सहायक लोक अभियोजक को प्रत्येक मामलों में से कम से कम 03 वादों का निष्पादन प्रत्येक माह में करने हेतु निर्देशित किया गया।
जिलाधिकारी ने उन मामलों में असंतोष व्यक्त किया। जिसमें यह पता चला कि सरकारी गवाह आए थे लेकिन, उनका बयान दर्ज नहीं हुआ। जिसकी वजह से कई मामले लंबित हैं। डीएम ने कहा यह अत्यंत ही गंभीर मामला प्रतीत हो रहा है। अथक प्रयास के बाद इस जिले से स्थानांतरित या सेवानिवृत सरकारी गवाहों को गवाही हेतु उपस्थिति कराया जाता है, तो सभी सरकारी वकील/ लोक अभियोजक हर संभव प्रयास करते हुए उनकी गवाही को सुनिश्चित करावें तथा सभी वादों के निष्पादन में आपस में समन्वय स्थापित करने हेतु निर्देश दिया गया। हालांकि इसको लेकर अधिवक्ताओं का अपना अलग तर्क था। बैठक में एसपी मनीष कुमार, प्रभारी पदाधिकारी विधि शाखा बक्सर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, लोक अभियोजक, सभी अपर लोक अभियोजक, विशेष लोक अभियोजक एवं संबंधित थानाध्यक्ष उपस्थित थे।