बंदी दरबार में डीएम ने सुनी शिकायतें, त्वरित समाधान के दिए निर्देश

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असमय कारा मुक्ति में देरी पर जताई चिंता, मुक्त कारागार में हुआ बंदी दरबार                                 बक्सर खबर। स्थानीय मुक्त कारागार में शुक्रवार को महानिरीक्षक, कारा एवं सुधार सेवाएं, पटना से प्राप्त निर्देशों एवं बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम 262 के तहत बंदी दरबार का आयोजन किया गया। इस दरबार की अध्यक्षता जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने की, जिसमें बंदियों की शिकायतें सुनी गईं और उनके समाधान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

कई बंदियों ने अपनी असमय कारा मुक्ति में हो रही देरी को लेकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि अन्य जिलों से मंतव्य यानी अनुमोदन रिपोर्ट आने में अधिक समय लग रहा है, जिससे उनकी रिहाई बाधित हो रही है। इस पर जिलाधिकारी ने कारा अधीक्षक एवं प्राबेशन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे संबंधित जिलों से समन्वय स्थापित कर जल्द से जल्द आवश्यक मंतव्य प्राप्त करें और बंदियों की समय पर रिहाई सुनिश्चित करें।

बंदी दरबार में पहुंचे डीएम अंशुल अग्रवाल,जेल अधीक्षक ज्ञानिता गौरव व अन्य।

कुछ दिव्यांग बंदियों ने अपने परिवार के भरण-पोषण को लेकर चिंता व्यक्त की। इस पर जिलाधिकारी ने सहायक निदेशक, जिला दिव्यांग सशक्तिकरण कोषांग एवं सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग को निर्देश दिया कि वे मुक्त कारागार में विशेष कैंप लगाकर दिव्यांग बंदियों को वृद्धा पेंशन योजना से आच्छादित करें, जिससे उनके परिवारों को आर्थिक सहायता मिल सके। कुछ बंदियों ने बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर भेजने की मांग की। इस पर जिलाधिकारी ने असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे मुक्त कारागार में विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन करें, ताकि बीमार बंदियों का समुचित इलाज किया जा सके।

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