बक्सर खबर। दहेज निरोधक कानूनों का नाजायज लाभ उठाने की बात अक्सर सामने आती रहती है। आज सोमवार को ऐसा ही एक और मामला सामने आया। अदालत ने इंसाफ सुनाया और दहेज हत्या में नामजद पति और सास-ससुर को रिहा कर दिया। अदालती विवेचना के मुताबिक जिस बहू की कथित हत्या के जुर्म में इन तीनों पर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी, उसकी मौत तपेदिक से हुई थी।
यह मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र का है। नीतू देवी के बयान पर पुलिस ने वर्ष 2016 में एक मुकदमा दर्ज किया था। नीतू तब अस्पताल में इलाजरत थी। उसने अपने पति ओमप्रकाश यादव, सास सुरमिला देवी, ससुर वकील यादव व दो ननद के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की एफआईआर दर्ज कराई। इसी बीच इलाज के दौरान नीतू की मौत हो गई।
लिहाजा पुलिस ने मुकदमे को दहेज हत्या में तब्दील कर दिया। साथ ही नीतू के पति और सास-ससुर के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दिया। इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट वन में चल रही थी। दोनों पक्षों की तमाम दलीलें सुनने के बाद अदालत ने माना कि नीतू की मौत तपेदिक से हुई थी और इसी आधार पर आज तीनों अभियुक्तों को रिहा कर दिया। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन उपाध्याय और राघवेंद्रनाथ मिश्र ने हिस्सा लिया।