दहेज में मांगी थी मोटरसाइकिल, न देने पर कर दी हत्या, शव बोरे में डालकर जमीन में दबाया बक्सर खबर। दहेज हत्या के मामले में मंगलवार को प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने सख्त फैसला सुनाया। अदालत ने पति, सास और ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। वहीं, चचेरे देवर मंटू कुमार उर्फ आदित्य को 2 साल 6 माह की सजा और 5 हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया गया। लोक अभियोजक नंद गोपाल प्रसाद, अपर लोक अभियोजक आदित्य कुमार वर्मा और आनंद मोहन उपाध्याय ने बताया कि मामला शेखपुर, थाना नोखा का है, जहां के निवासी रमेश चौधरी ने अपनी बेटी इंदू देवी की शादी वर्ष 2023 में राजपुर थाना क्षेत्र के अकबरपुर निवासी दीपक कुमार से हिंदू रीति-रिवाज से कराई थी। शादी के बाद ससुराल पक्ष दहेज में मोटरसाइकिल की मांग कर रहा था। जब परिवार इसे पूरा नहीं कर सका, तो ससुराल वालों ने इंदू देवी की हत्या कर शव गायब कर दिया।
5 जुलाई 2023 को रमेश चौधरी को सूचना मिली कि उनकी बेटी की हत्या कर दी गई है। जब वे ससुराल पहुंचे, तो घर के सभी लोग फरार थे और बेटी का शव भी नहीं मिला। काफी खोजबीन के बाद पता चला कि शव को बोरे में डालकर सातों रेवती गांव के पास मथई पुल के नीचे जमीन में दबाया गया था। जब शव बरामद हुआ, तो उसकी पहचान इंदू देवी के रूप में हुई। पीड़ित परिवार की ओर से अपर लोक अभियोजक आदित्य कुमार वर्मा ने अदालत में मुकदमा लड़ा। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की, जिसमें पति दीपक कुमार, ससुर जोखू चौधरी, सास ललिता देवी और चचेरे देवर मंटू कुमार उर्फ आदित्य को आरोपी बनाया गया। गवाहों के बयान और मजबूत साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश हर्षित सिंह ने पति, सास और ससुर को आजीवन कारावास और मंटू कुमार को 2 साल 6 महीने की सजा सुनाई।