पंचकोशी का पहला पडाव जलमग्न

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– अहिरौली मुख्य पथ पर बह रहा नाली का पानी
बक्सर खबर। पंचकोशी मेले का पहला पडाव अहिरौली गांव से प्रारंभ होता है। जहां कभी अहल्या का उद्धार हुआ था। बक्सर की पहचान बन चुका यह मेला लगभग पन्द्रह दिन बाद शुरू हो जाएगा। लेकिन, पहले ही दिन श्रद्धालुओं को यहां भारी परेशानी का सामना करना होगा। क्योंकि मंदिर तक पहुंचने का मुख्य मार्ग जलमग्न है। नाली का पानी आधे किलोमीटर तक सड़क पर फैला हुआ है।

इस समस्या की वजह स्थानीय लोग ही हैं। नाली भरने और अवैध कब्जे के कारण पानी सड़क पर बह रहा है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया। तो मेले के दौरान होने वाली किरकिरी से कोई अपना मुंह छिपा सकेगा। पिछले वर्ष जब बक्सर में महान कथावाचक मोरारी बापू आए थे। तो उन्होंने अहल्या उद्धार का विषय उठाया था। दस दिनों तक इसी विषय पर कथा कही। अपने प्रवास के दौरान यहां दर्शन करने भी गए। उन्होंने मीडिया से भी कहा, इस स्थान का उद्धार होना चाहिए।

अहिरौली गांव में जलमग्न मुख्य पथ

लेकिन, एक वर्ष का अंतराल समाप्त होने जा रहा है। यहां उद्धार तो हुआ नहीं बदइंतजामी और विकराल हो गई। हैरान करने वाली बात तो यह है। यह गांव जिसकी वजह से प्रदेश और देश में जाना जाता है। वहीं के लोगों ने यहां का हाल ऐसा कर रखा है। उनके द्वारा फैलाई गयी गंदगी अब बदनामी का दाग बन गयी है। अगर समय रहते इसका निदान नहीं किया गया। तो इसकी दुर्गंध दूर तक बक्सर का नाम मशहूर करेगी।

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