डुमरांव में भी हो चुका है सवा करोड़ का पीएनबी घोटाला

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बक्सर खबर : डुमरांव में भी हो चुका है पी.एन.बी घाेटाला। जब देश में बैंक घोटालों का दौर चला है तो डुमरांव की याद फिर ताजा हो गई है। यहां सवा करोड का घोटाला करने वाले नटवरलाल लाल जी सिंह का 20 बर्षो के बाद भी सुराग नहीं लगा। पंजाब नेशनल बैंक की डुमरांव शाखा में हेरा-फेरी कर फरार होने वाले बैंक कर्मचारी सहायक लाल बहादुर सिंह उर्फ लाल जी सिंह का 20 सालों के बाद भी सुराग नहीं मिल सका। घपलेबाज बैंक कर्मी लाल जी सिंह कहा है। उन्हे आसमान खा गया अथवा जमीन। तब वरीय प्रबंधक एम.पी.सिंह द्वारा बैंक के विशेष सहायक लाल जी सिंह के खिलाफ डुमरांव थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसकी प्राथमिकी संख्या 150/95 है।

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा, बक्सर :- बैंक कर्मचारियों एवं अधिकारियों सहित सहकर्मियों की आंखो में धूल झोक कर पंजाब नेशनल बैंक के जमानती प्रपत्र,चेकबुक, पास बुक, बैंक का मोहर एवं अन्य कई जरूरी कागजात चुराकर बैंक का कर्मी विशेष सहायक लाल जी सिंह बैंक में जालसाजी एवं धोखाधड़ी करते आ रहा था। लाल जी सिंह द्वारा किए जा रहे धोखाधड़ी एवं जालसाजी का भंडाफोड़ वर्ष 95 के 14 जुलाई को तब हुआ। जब पंजाब नेशनल बैंक के खाताधारी शंभू नारायण सिंह(अब मृतक) नें सावधि जमा पासबुक की रकम को अपने बचत खाता में जमा करने के लिए शाखा प्रबंधक को आवेदन दिया। इसी प्रकार लाल जी सिंह नें नगर के चैक रोड निवासी बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता सरयू प्रसाद केशरी का चेक के माध्यम से करीब 6 लाख की राशि हेराफेरी कर हड़प लिया था।

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हाला कि अभियंता श्री केशरी को काफी संर्घष के बाद बैंक के माध्यम से राशि वापस पाने में सफल हो गए। जब कि डुमरांव सूता मिल का कर्मचारी दीनानाथ राम भी लाल जी सिंह हेराफेरी का शिकार हो गए। अब दीनानाथ भी इस दुनिया में नहीं रहे। वहीं हेराफेरी का मास्टर लाल जी ने घनिष्ठता बना कर दर्जनों लोगों से लाखों की राशि हड़प ली। लाल जी सिंह के हेराफेरी के शिकार कई लोग बिमार हो गए। कई तो इस दुनिया में अब नहीं रहे। पर पीड़ित परिवार के सदस्य घपलेबाज लाल जी सिंह को अब तक नहीं भूल सके है। 

लाल जी ने कभी प्रोन्नति नहीं ली, बक्सर : – आश्चर्य की बात तो यह है कि डुमरांव शाखा में काम करने वाला कर्मी लाल जी सिंह करीब 20 सालो से एक ही टेबुल पर जमे रहे थे। उन्होंने अपने सेवा काल में कभी अवकाश नहीं लिया। न ही उन्होंने विभाग से प्रमोशन लिया। बैंक में लाल जी सिंह का इस कदर जलवा रहा कि उसने करीब 20 सालों तक एक ही टेबुल पर डुमरांव शाखा में काम करते रहे। इस तरह वे अपना एक बैंक ही चला रहे थे। जब तक वे रहे किसी को भनक नहीं लगने दी। गौरतलब हो, बीस सालो के बाद भी पंजाब नेशनल बैंक का फरार कर्मी बिशेष सहायक घपलेबाज लाल जी सिंह कानून के पकड़ से बाहर है। उतर प्रदेश के जौनपुर जिला का निवासी लाल बहादुर सिंह उर्फ लाल जी सिंह नें करीब बर्ष 1965 में बैंक की नौकरी ज्वाईन की थी।

1 COMMENT

  1. आपने इस अशुभ समाचार में जिसमे कोई शख्स घोटाला कर जाता है, तो लालजी सिंह को कोसा है आपने या तारीफ़ की है समझ में नहीं आया ।
    अविनाश जी! ??????

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