बक्सर खबर. ब्रह्मपुर प्रखंड के भदवर गाँव में हनुमत प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ में “शास्त्रीय संगीत समारोह” का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में नृत्य व संगीत का अनूठा समागम रहा। गायन , वादन व कथक नृत्य की त्रिवेणी में देर रात तक श्रोताओं ने गोते लगाये। सर्वप्रथम जगदीशपुर के वरिष्ठ तबला वादक श्री राणा जी ने तीनताल में स्वतंत्र तबला वादन प्रस्तुत करते हुये पेशकार, रेला, कायदा सुनाकर श्रोताओं कॊ मंत्रमुग्ध कर दिया। वही कथक गुरु बक्शी विकास ने राग गावती में छोटा ख़याल “मुरलिया बाजी मधुवन में श्याम सुंदर की” व चैती “एही ठैया टिकुली हेराई गईल रामा कहवा मैं ढूंढूं” सुनाकर समा बाँधाl इसके बाद गुरु बक्शी विकास के शिष्यों ने कथक व तालमाला की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया l एकल प्रस्तुति में अमित कुमार ने राम स्तुति व तीन ताल, अनीश कुमार ने झपताल, युगल में सोनम कुमारी व शैलेन्द्र कुमार धमार ताल तथा रविशंकर व वंदिता ने द्रुत तीनताल में उपज , आमद , परन , टूकड़ा , गत , लरी इत्यादि की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम का आयोजन पंडित राधेश्याम तिवारी ने किया था। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि शास्त्रीय संगीत जीवन मे सत्य की खोज करने का शसक्त माध्यम है। यह वर्षों से आध्यात्मिक यात्रा की आधार रही है। शास्त्रीय संगीत से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज किये जाने का वर्णन वेदों में मिलता है। कार्यक्रम के उद्घाटन के उपरांत आगत अतिथियों का स्वागत यज्ञाचार्य महंथ श्री रघुनाथ दास जी उर्फ अलगू बाबा ने किया। वहीं कार्यक्रम के आयोजक राधेश्याम तिवारी ने अंगवस्त्र देकर कलाकारों को सम्मानित किया। मंच संचालन जेपी तिवारी ने किया। कार्यक्रम में जितेंद्र तिवारी, अविनाश तिवारी, जयप्रकाश शर्मा, अमित, नंदिता आदि का योगदान सराहनीय रहा।