बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए पंच कोश पर आधारित शिक्षा जरूरी – क्षेत्रीय सचिव

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-तीन दिवसीय आचार्य प्रतिभा विकास वर्ग हुआ संपन्न
बक्सर खबर। शिक्षक वही बेहतर है जो सतत अध्ययन करे। इसको ध्यान में रखकर सरस्वती विद्या मंदिर द्वारा अध्यापकों के लिए प्रतिभा विकास वर्ग का आयोजन किया गया। जिसमें बेहतर शिक्षकों को सम्मानित किया गया। साथ ही साथ उन्हें बताया गया छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए कैसी शिक्षा जरूरी है। अहिरौली स्थित सरस्वती विद्या मंदिर के परिसर में चल रहे इस तीन दिवसीय विभागीय आचार्य प्रतिभा वर्ग का मंगलवार को समापन हुआ। जिसमें भोजपुर एवं बक्सर जिले के विभिन्न विद्या मंदिरों से 250 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

समापन दिवस का उद्घाटन क्षेत्रीय सचिव नकुल कुमार शर्मा एवं प्रदेश मंत्री भरत पूर्वे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। अध्यक्षता विद्यालय के राम वकील राय तथा अतिथियों का परिचय एवं स्वागत विद्यालय के प्रधानाचार्य रामजी प्रसाद सिन्हा ने किया। कार्यक्रम का संचालन विमल पांडेय व विषय की प्रस्तुति विभाग प्रमुख बीरेंद्र कुमार ने की। अतिथियों ने कहा कि बालकों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने की जरूरत है। इसके अलावा पंचपदी शिक्षण पद्धतियों पंच कोश, पांच केंद्रीय आधारभूत विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा भारतीय दर्शन, संस्कृति से बालकों को अवगत कराने को लेकर अपील की।

प्रतिभावान शिक्षकों को सम्मानित करते अतिथि

बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए शारीरिक शिक्षा, योग, संगीत, संस्कृत एवं नैतिक आध्यात्मिक शिक्षा पर बल दिया गया। सभी ने मिलकर कहा संस्कार युक्त शिक्षा ही विद्या भारती के शिक्षा का आधार है। इस दौरान प्रश्न मंच का आयोजन किया गया। जिसमें आरा प्रथम, नया बाजार बक्सर द्वितीय तथा अहिरौली ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसमें स्थान पाने वाले आचार्यों को मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के दौरान संजीव कुमार, माधुरी पाठक, राजेश प्रताप सिंह, डॉ रमेश मणि पाठक, सतीश कुमार, गंगा चौधरी, विनोद कुमार, हनुमान प्रसाद अग्रवाल, कन्हैया पाठक, उमा शंकर पाण्डेय, अनिल वर्मा, बीरेंद्र कुमार, विजय लोहिया, पुनम कुमारी, अवनीन्द्र कुमार, नीलम कुमारी, रामबाबू जायसवाल सुरेश मिश्र समेत अनेक शिक्षकों ने हिस्सा लिया।

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