‌‌‌ चुनावी चर्चा : चरखा मचाएगा हलचल या नल देगा जल

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-चुनाव लड़ने वालों ने कहा ऊपर वाला जाने अब परिणाम आएगा कल
बक्सर खबर। अपने यहां चुनाव हो और चर्चा नहीं हो। ऐसा होता है भला। लोगों को इसकी चर्चा करनी भी चाहिए। लेकिन, सिर्फ चुनाव से पहले तक ही नहीं होती। उसके बाद भी चलती है। जैसे-जैसे दिन चढ़ रहा था। उम्मीदवारों की धड़कने बढ़ रहीं थी और लोगों में चर्चा जोर पकड़ रही थी। इस बार कौन जीतेगा ? सबसे महत्वपूर्ण सवाल यही था और सर्वाधिक चर्चा नगर परिषद के मुख्य पार्षद पद की थी। हालांकि उपाध्यक्ष की बातें भी चल रहीं थी। लेकिन, केन्द्र में मुख्य पार्षद का पद ही रहा। हम पूरी इमानदारी से कहें तो छोटे सिंह के चुनाव में आने से चर्चा कुछ ज्यादा हो रही थी।

क्योंकि उन्होंने चरखा छाप के उम्मीदवार के लिए स्वयं वोट मांगे थे। हालांकि मुख्य व उप मुख्य पार्षद का पद अति पिछड़ा महिला के लिए आरक्षित था। इस वजह से हर उम्मीदवार के पीछे कोई न कोई मजबूत सहारा चिपका हुआ था। कुल मिलाकर जिससे भी बातें हुईं। सबने यही कहा बक्सर नगर परिषद क्षेत्र में चरखा छाप और नल छाप के मध्य मुकाबला है। इस अटकलबाजी के मध्य मीडिया के लोगों ने कृष्णानंद सिंह उर्फ छोटे सिंह से बात किया। उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया। हम सबने प्रयास किया, सबका सहयोग मिला अब शेष उपरवाला जाने।

दूसरी तरफ नल छाप से अपनी पत्नी को मैदान में उतारने वाले नियमतुल्ला फरीदी से भी हमने बात की। उनका कहना था, जनता का बहुत प्यार मिला। सबको धन्यवाद, अब फैसला मंगलवार को आएगा। उसी का इंतजार है। हालांकि अभी तक आपने वह पढ़ा जो कहने और सुनने में आया। लेकिन, इसे नकारा नहीं जा सकता। अन्य 13 उम्मीदवार पूरी तरह आधारहीन नहीं हैं। सबने कुछ न कुछ प्रदर्शन किया होगा। कुल मिलाकर बक्सर की लड़ाई कम रोचक नहीं है। उप मुख्य पार्षद पद पर भी बहुत से लोगों का ध्यान है। लेकिन, वहां भी लड़ाई एक तरफा नहीं है। अगर यहां दो के मध्य मुकाबला है तो वहां तीन से चार के मध्य हो सकता है। इस पद के लिए चश्मा, पीपल का पत्ता, आम आदि निशान की चर्चा करते लोग बूथों के आस-पास मिले। हालांकि यह पूरी खबर अनुमान के आधार पर लिखी गई है। इसलिए इसे सूचना के तौर पर पढ़े, दावा मानकर नहीं।

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