-अखड़ा तैयार लेकिन रेफरी के इशारे में चक्कर में पहलवान परेशान
बक्सर खबर। पहले चरण में ही बक्सर जिले की चार सीटों पर चुनाव होना है। नामांकन की तिथि भी आठ अक्टूबर तक है। ऐसे में आयोग के अनुसार उलटी गिनती शुरू है। वहीं राजनीतिक दलों के बीच सीटों के समझौते का गणित इतना उलझ गया है। जिसके कारण बक्सर की दो सीटें हॉट सीट में तब्दील हो गई हैं। यहां की चार सीटों में दो अर्थात राजपुर और ब्रह्मपुर में दोनों गठबंधन के एक-एक विधायक हैं। इस लिए यहां उतनी माथा पच्ची नहीं है। लेकिन, बक्सर और डुमरांव की सीट दोनों गठबंधनों के लिए हॉट सीट बन गई है।
एनडीए में जदयू ने पेंच फंसा दिया है। क्योंकि हाल ही में डीजीपी की कुर्सी छोड़ कर राजनीति पारी खेलने आए गुप्तेश्वर पांडेय के कारण यहां खींच-तान हो रही है। जदयू बक्सर की सीट चाहती है। भाजपा उसे छोडऩे को तैयार नहीं। यहां जदूय का तर्क है। आप पिछली बार चुनाव हार चुके हैं। अर्थात पिछली चूक इस बार भाजपा कार्यकर्ताओं पर भारी पड़ रही है। इस वजह से यहां स्थिति विकट है।
वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के लिए डुमरांव सीट समस्या बन गई है। वहां पार्टी के नेता विद्रोह की स्थिति में हैं। मुस्लिम वोटर को रिझाने के लिए कुछ लोग दाउद अली पर बाजी खेलने के समर्थन में हैं। वहीं दूसरी तरफ यादव अगर नाराज हुए तो इसका सीधा नुकसान पार्टी को होगा। उसका लाभ एनडीए को भी मिल सकता है। क्योंकि ददन यादव वहां जदयू के निवर्तमान विधायक हैं। वहां यादव को मात देने के लिए राजद किसको उम्मीदवार बनाए। यह दुविधा की स्थिति बनी हुई है।
राजनीतिक के इस खेल में पूरा जिला झूल रहा है। किसी ने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना के कारण बहुत ही सीमित समय में चुनाव होना है। ऐसे में लोगों के लिए चुनाव रोमांचक मैच की तरह होता जा रहा है। अखाड़ा तैयार है, पहलवान भी अपने-अपने खेमें ताल ठोक रहे हैं। लेकिन, उन्हें मैदान में अपने दाव दिखाने का मौका ही नहीं मिल रहा। इस वजह से वह भी उतने ही परेशान हैं। जितना लोग उम्मीदवारों का नाम जानने के लिए परेशान हैं।