बक्सर खबर। एक जमाना था। जब लोग स्कूल के लिए दान में भूमि देते थे। अब एक दौर है जब सरकारी भूमि का अतिक्रमण हो रहा है। यह मामला चौसा प्रखंड के पवनी पंचायत का है। जोकहीं गांव में प्राथमिकी विद्यालय स्थित है। यहां तीस वर्ष पहले बना भवन जर्जर हो चुका है। दो कमरे हैं और पांच कक्षाएं। भवन जर्जर है इस लिए छात्रों में हमेशा भय बना रहता है। बाहर बारामदा है जो जगह-जगह से टूट कर गिर रहा है। नतीजा अभिभावक बच्चों को विद्यालय भेजने में कतराते हैं। उन्हें अनहोनी का भय सताता रहता है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत यहां विद्यालय बनने के लिए राशि आई थी। लेकिन, लौटा दी गई। क्योंकि विद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जा बरकरार है। कुछ लोगों ने विद्यालय की जमीन को खेत बना दिया है। कुछ लोग प्रशासनिक कार्रवाई न होने के कारण घर भी बना रहे हैं।
सूचना के अनुसार विद्यालय के पास ग्यारह कट्ठा जमीन है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने प्रशासन से कई मर्तबा की। चौसा के सीओ भी विद्यालय तक आए और जमीन की पैमाइश की। बावजूद इसके अतिक्रमण नहीं हटाया गया। ग्रामीण महेन्द्र राय बताते हैं। भवन निर्माण के लिए फिर राशि आई है। लेकिन अतिक्रमण यथावत है। ऐसी स्थिति में फिर राशि लौट जाने का खतरा बरकार है। इस संबंध में पूछने पर चौसा सीओ जवाब नहीं दे पाते। अगर प्रशासनिक महकमा यूं ही चुप रहा तो शायद विद्यालय सिर्फ कहने के लिए रह जाएगा। यह विद्यालय कमरपुर गांव से लगा हुआ है। जो जिला मुख्यालय के सटा हुआ है। बावजूद इसके अधिकारी वहां नहीं जाते। क्योंकि वहां जाने पर उन्हें स्वयं जवाब देना होगा। वैसे विभागीय रुप से यहां तीन शिक्षक तैनात हैं। जो पठन-पाठन की जिम्मेवारी निभा रहे हैं।